कंपिल ,फर्रुखाबाद,आरोही टुडे न्यूज
गंगा के लगातार बढ़ते जल स्तर से बाढ़ का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा।बाढ़ के पानी ने खेत खलियानों को अपनी गोद में समेटने के बाद लोगों के आशियानों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। लोग गांव छोड़कर सड़क किनारे रहने को मजबूर हो गए हैं। बिना छत के खुले में अपनी जिंदगी बिता रहे। लोगों के लिए यह समय मुसीबत भरा है। जहां एक ओर पूरी दुनिया आधुनिक सुविधाओं में जीवन यापन कर रही है। वही बाढ़ पीडितों के लिए रात में रोशनी तक नहीं है। किसी समय भी जहरीले कीड़े के काटने का डर भी लगातार बना हुआ है। किसी भी समय इनके खेलने वाले छोटे-छोटे बच्चे बाढ़ की गोद में समा सकते है।
अनहोनी की आशंका बनी हुई है। हर तरफ पानी ही पानी होने की वजह से जानवरों के लिए चारे की भीषण किल्लत हो गई है,। जिसका शासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। समय-समय पर जनप्रतिनिधियों के द्वारा राहत सामग्री बांटी जा रही है। लेकिन इतनी कम मात्रा में बांटी जा रही कि वह राहत सामग्री ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इस समय क्षेत्र के लगभग 30 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में है। कारव, पथरामई, जाटी, शेखपुर, शाहीपुर, गंगपुर, सींघनपुर आदि गांवों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर रखा है। कुछ लोग जैसे तैसे नाव के सहारे आते हैं और हफ्ते भर का राशन लेकर चले जाते हैं।
भरे हुए पानी में लगातार बीमारियां भी पैर पसारने लगी है। कस्बे के कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों ने बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जाकर दवाइयों का वितरण भी किया है। जो सराहनीय कदम है। अभी इस तरह की मानवीय सहायता की और जरूरत है।
संवाददाता अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट