31 मार्च तक चलेगा विश्व जन्मजात विकृति जागरूकता माह

अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से मनाया जा रहा है जन्मजात विकृति जागरूकता माह
प्रत्येक शनिवार को डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में क्लब फुट से पीड़ित बच्चों का किया जाता है इलाज
इस समय क्लब फुट से पीड़ित 56 बच्चे करा रहे हैं अपना इलाज
फर्रुखाबाद ,आरोही टुडे न्यूज 
स्वास्थ्य विभाग ने अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में शनिवार को जन्मजात विकृति जागरूकता दिवस मनाया। इस अवसर पर जन्मजात विकृतियों के बारे में बताया गया और चिकित्सकीय प्रबंधन की भी जानकारी दी गई। डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात आर्थो सर्जन डॉ नीरज वर्मा, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) से डीईआईसी प्रबंधक अमित शाक्य, अनुष्का फाउंडेशन से प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आलोक वाजपई उपस्थित रहे।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दलवीर सिंह ने बताया- जन्मजात दोष जन्म के समय मौजूद संरचनात्मक परिवर्तन हैं जो हृदय, मस्तिष्क, पैर जैसे शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। वह शरीर के दिखने वाले अंग, काम करने के तरीके या दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। इसी तरह क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है, जिससे कि हर 800 नवजात में से एक बच्चा प्रभावित होता है। देश में हर साल 33,000 बच्चे इस विकृति के साथ पैदा होते हैं।
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात आर्थो सर्जन डॉ नीरज वर्मा ने कहा कि क्लबफुट एक जन्मजात बीमारी जरूर है लेकिन इसका उपचार संभव है।


अमित ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत क्लब फुट जैसी 42 जन्मजात बीमारियों एवं दोषों की स्क्रीनिंग की जाती है ताकि जल्द से जल्द उचित उपचार मुहैया कराया जा सके। स्वयंसेवी संस्था अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट पिछले पांच साल से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ काम कर रही है। क्लबफुट जन्म के नौ दोषों में से एक है, जिसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा प्राथमिकता दी गई है।
अनुष्का फाउंडेशन से प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आलोक वाजपई ने बताया- वर्तमान में क्लबफुट से पीड़ित 56 से भी अधिक बच्चों का इलाज संस्था करवा रही है। पोन्सेटी पद्धति का इस्तेमाल करके क्लबफूट से पीड़ित सभी बच्चों का आसानी से उपचार किया जा सकता है।
उन्होंने बताया- क्लबफुट का यदि सही समय पर उपचार नहीं कराया जाए तो बच्चा जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। इलाज न किये जाने पर प्रभावित बच्चों में भेदभाव, उपेक्षा, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ, अशिक्षा, शारीरिक एवं यौन शोषण का खतरा अधिक बढ़ जाता है। क्लब फुट क्यों होता है इसका कोई विशिष्ट कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इस समस्या में माँ अथवा बाप का कोई हाथ नहीं है। यह विकृति न तो ग्रहण की वजह से होती है और न ही माँ से बच्चे को फैलती है।
उन्होंने बताया- संस्था की ओर से इसका उपचार मुहैया कराया जाता है, जिसका कोई शुल्क नहीं लगता है। अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से हर शनिवार को डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में क्लब फुट से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाता है .

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

× How can I help you?