फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज
जनपद सहित प्रदेश के 27 जिलों में इस समय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है इसी को लेकर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने मदारबाड़ी, असगर रोड, पीसीआई संस्था से अनुपम मिश्र ने बैजनाथ गली, दिल्ली ख्याली कूंचा और खतराना मोहल्ले में जनसामान्य को समझाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया l
इस दौरान लिंजीगंज चिकित्सालय से संजय बाथम , पीसीआई से शादाब आलम मौजूद रहे l यह अभियान 2 सितंबर तक चलाया जायेगा |
सीएमओ डॉ अवनींद्र कुमार ने कहा कि जनसामान्य से अपील है कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है इससे बचने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जाने वाली दवा का सेवन उनके सामने ही करें l
इस दौरान उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाना , महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है । खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
डॉ माथुर ने कहा कि हमारे समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर यह दवा उपलब्ध है। अधिक से अधिक संख्या में आप लोग जाकर इस दवा का सेवन करके अपने एवं अपने परिवार को फाइलेरिया होने से बचाएं और फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में अपना सहयोग प्रदान करें।
जिला मलेरिया अधिकारी नौशाद अली ने बताया कि 2 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को फाइलेरिया की दवा दी जायेगी। दवा खाली पेट नहीं खाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमार, गर्भवती और दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खानी है।
डीएमओ ने कहा कि अभी तक जिले के लगभग 7 लाख लोगों ने इस दवा का सेवन कर लिया है l शेष लोगों को भी जल्द ही इस दवा का सेवन करा दिया जाएगा l
फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
*घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
*आसपास पानी न जमा होने दे
*गन्दे पानी में डीजल भी डाल दे
*चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
*पूरी बाजू का कपड़ा पहने