यमुना-चंबल की हुंकार: बढ़ती लहरों ने गांवों में किया प्रवेश, कई गांवों को बढा़ खतरा

 

DM इटावा एवं SSP इटावा द्वारा थाना भरेेह, बिठौली, सहसों, चकरनगर, पछायगांव क्षेत्रांतर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया । बाढ प्रभावितों से वार्तालाप कर उन्हे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने हेतु संबंधित को निर्देशित किया गया
– चकरनगर विकासखंड के भरेह, चकरपुरा, अम्दापुर, अचरौली,, हरौली बहादुरपुर, नीमडांढा, नीवी,गढा कास्दा, बाढ की चपेट में रास्ता हुआ अबरुध। 126 मीटर तक होगा पानी का विस्तार
-डी एम, एस, एस, पी व ए डी एम, उपजिलाधिकारी मलखान सिंह तहसीलदार श्री राम यादव, नायक तहसीलदार, अभिनाश चौधरी, सी ओ राकेश बशिष्ठ, वी डी ओ कुमार सत्यम् जीत, तथा भरेह थाना प्रभारी गोबिंद हरि वर्मा मय दलबल के मौजूद
-तहसीलदार ने बताया नाव व वन विभाग के मोटर वोट व एन डी आर एफ की टीम आ गई है।

(डॉक्टर एस0बी0एस0 चौहान)
चकरनगर/इटावा, यमुना-चंबल की हुंकार से कुछ गांवो का संबंध मुख्य मार्गों से टूटता जा रहा है जिससे ग्रामीणों की सांसें पुरानी यादें तरोताजा कराते हुए घबराहट पूर्ण दिखाई दे रहीं हैं,हालांकि प्रशासनिक अधिकारी यमुना-चंबल की हुंकारी लहरों पर पूर्ण रूप से अलर्ट हैं। उनका यह मानना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन और प्रशासन मुस्तैद है।ग्रामीणों के हर मुसीबत में प्रशासन भागीदार रहने का दावा भी ठोक रहा है। इसी दावा रूपी ऑक्सीजन को लेकर ग्रामीण अपनी दिनचर्या को नित्य की भांति व्यतीत कर रहे हैं। पिछले साल आई बाढ़ विभीषिका में यमुना-चंबल की हुंकार भर्ती लहरों ने अच्छी खासी तबाही मचाई थी जहां एक तरफ पशु खाद्यान्न के अभाव में भूख से जूझ रहे थे तो वहीं ग्रामीण भी आसमान से गिर रही मुसीबत से बचने के लिए सर छुपाने को कहीं स्थान खोज रहे थे।कई ग्रामीण आज भी ऐसे हैं कि पिछली वर्ष में क्षति का मुआवजा आज तक उन्हें प्राप्त नहीं हुआ विध्वंस कारी दृश्य देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं प्रशासन ने आज तक कोई मदद के नाम पर कुछ नहीं किया।सैकड़ों मकान यमुना और चंबल चपेट में होकर क्षतिग्रस्त हुए हैं मकानों को भी कुछ को छोड़कर बाकी तमाम को आज आज तक कुछ नहीं मिला व दूसरी मार कुदरत देने के लिए सामने खड़ी है।

बताते चलें कि पिछली वर्ष में बाढ़ की विभीषिका ने अपना वह तांडव दिखाया था कि जिसे देखकर हर एक सांसें थम ही नहीं गई थीं टूट रही थीं और अब बस वही भयावना दृश्य हुंकार भरतीं यमुना-चंबल की लहरों से आभास हो रहा है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की चहल कदमी से ग्रामीणों में दम बंधा हुआ है।लोगों का मानना है कि यदि स्थिति कहीं बिगड़ती है तो प्रशासन जल मार्ग व वायु मार्ग से जन हानी को होने से बचाएगा। जिलाधिकारी अवनीश कुमार राय द्वारा लगातार कई निरीक्षण डूब के किनारे गांव में होने से लोगों की इस समय हिम्मत बढ़ी है।इसी के चलते तराई वाले यमुना और चंबल के गांवों में करीब एक दर्जन बाढ़ राहत चौकियां स्थापित की गई हैं, जो 24×7 घंटे सेवा में तत्पर हैं। हर खबर से प्रशासन को अपडेट कराया जा रहा है। किसानों की जो फसल नेस्तनाबूद हुई है प्रशासन उसके लिए भी बंदोबस्त करेगा ऐसा लोगों का मानना है।

स्थलीय पड़ताल करने गए हमारे संवाददाता ने रिपोर्ट दी है कि भरेह, चकरपुरा, अम्दापुर, अचरौली,हरौली बहादुरपुर, नीमडांढा, नीवी,गढा़ कास्दा, खिरीटी, ककरहिया व रनियां बाढ की चपेट में रास्ता हुआ अबरुध डी एम, SSP व ए डी एम, उपजिलाधिकारी मलखान सिंह तहसीलदार श्री राम यादव, नायव तहसीलदार अभिनाश चौधरी, सी ओ राकेश बशिष्ठ, वी डी ओ कुमार सत्यम् जीत, तथा भरेह थाना प्रभारी गोबिंद हरि वर्मा मय दलबल के मौजूद हैं। तहसीलदार ने बताया नाव व वन विभाग के मोटर वोट व एन डी आर एफ की टीम आ गई है। चंबल का जलस्तर भी लगभग 126 मीटर तक ही विस्तार कर पाएगा। प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं कि धैर्य और हिम्मत से हर काम मुसीबत की घड़ी में लेने से सब कुछ सहज हो जाता है।

गढा़कास्दा पंचायत के निवी गांव की रास्ता, भरेह पंचायत के तींन मजरा चकरपुरा,अम्दापुर, अचरौली मुख्य मार्गो से कटे हुए हैं हालांकि उनका आना-जाना किसी अन्य उच्च मार्गों से तो है लेकिन रोजमर्रा वाले रास्ते में पानी कहीं-कहीं पर तो सड़क पर 1 किलोमीटर तक भरा दिखाई दे रहा है। तहसील प्रशासन ने अवगत कराया है कि बाढ़ का असर सिर्फ 126 मीटर तक ही विस्तार कर पाएगा उससे ज्यादा की कोई चांस नजर नहीं आ रहे हैं इससे भी ग्रामीणों को काफी राहत मिली हुई है।

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