सेवा पांचाल नगरी ने उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया

कमालगंज ,फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज, शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति जनपद की प्रसिद्ध सामाजिक संस्था सेवा पांचाल नगरी फर्रुखाबाद व आर्य समाज की ओर से कमालगंज स्थित आर्य समाज मंदिर में ‘शिक्षक सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला उप शिक्षा निदेशक डायट प्राचार्य श्री अनुपम अवस्थी रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ प्रशांत श्रीवास्तव व कांशीराम महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ शालिनी वर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ यज्ञ के साथ हुआ पश्चात देश के पूर्व राष्ट्रपति व कुशल राजनीतिज्ञ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया गया।

संस्था के संस्थापक राहुल वर्मा ने माल्यार्पण व स्मृतिचिन्ह भेंट कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि डॉ अनुपम अवस्थी ने कहा कि शिक्षक के ऊपर एक सभ्य समाज के निर्माण का दायित्व होता है इसके लिए उनके अंदर परोपकार की भावना होनी चाहिए। वह बिना किसी पक्षपात के समान रूप से अपना ज्ञान अपने विद्यार्थियों को दे। डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि हम सब के जीवन निर्माण मे हमारे गुरुजनों का विशेष योगदान होता है इसलिए उपलब्धि के किसी भी शिखर पर पहुंच कर अपने गुरुजनों को नहीं भूलना चाहिए। राजकीय महाविद्यालय से आयीं डॉ शालिनी ने कहा कि बच्चों के निर्माण के लिए शिक्षक को दीपक की तरह जलना पड़ता है तब जाकर शिष्यों के भविष्य निखरता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान आचार्य चंद्रदेव शास्त्री ने कि महर्षि दयानंद कहते हैं कि वह संतान बढ़ी ही भाग्यवान है जिसके माता-पिता व आचार्य धार्मिक व विद्वान हों। आजकल आधुनिक शिक्षण व्यवस्था में धर्म को निकाल दिया गया है जब कि प्राचीन गुरुकुलीय शिक्षा व्यवस्था धर्मयुक्त थी।बालकों को लौकिक ज्ञान के साथ-साथ पारलौकिक सिद्धि भी प्राप्त कराना ही गुरुओं का लक्ष्य था।उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था अंग्रेजों की थोपी हुई है जिसका उद्देश्य केवल नौकर पैदा करना था। जबकि हमारी शिक्षा संस्कार युक्त थी जिससे बालकों के उत्तम चरित्र का निर्माण होता था। बिना संस्कारों के मनुष्य पशुतुल्य होता है इसलिए जो शिक्षक शिक्षा के साथ संस्कार भी देने का कार्य करता है वही सच्चे अर्थों में शिक्षक। इस अवसर पर आर्य समाज द्वारा संचालित एम डी एस लाइब्रेरी के छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। संस्था के संरक्षक जगदीश प्रशाद वर्मा ने सभी मेधावी विद्यार्थियों व शिक्षक जनों को प्रस्सतिपत्र भेंट कर सम्मानित किया। आर्य समाज के प्रधान प्रदीप आर्य व आचार्य संदीप आर्य ने आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त कर उन्हें वैदिक साहित्य भेंट किया। सभा का कुशल संचालन शिक्षक व युवा कवि वैभव सोमवंशी ने किया। कार्यक्रम में रुचि वर्मा एसआरजी ,शिवम दीक्षित , शिवम् मिश्रा , संजीव बाथम, विशाल श्रीवास्तव, ओमदेव शास्त्री, आचार्य राकेश, शिवम मिश्रा,अश्वनी कश्यप,सुमित कुमार आदित्य शुक्ला , विशाल आदि लोगो मौजूद रहे.

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