अमृतपुर ,फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज, अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट- जनपद के अमृतपुर थाना क्षेत्र में हुई घटना से शादी की खुशियां मातम में बदल गई।लोग शादी की तैयारी में लगे थे,उसी दौरान लगी आग ने सभी के अरमानों पर पानी फेर दिया और हर किसी की आंखें आंसुओं से भर गई और चारों ओर चीख पुकार मच गई। प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है। तहसील प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है,जों जानकारी होने के बावजूद भी प्रशासन का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। प्रशासन पर भी मुआवजा न दिलाने का आरोप लगाया गया।अमृतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव ताजपुर निवासी मुन्ना लाल पुत्र कुंदन लाल की पुत्री रिंकी की बारात 25 नवंबर 2024 को शमशाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत चिलसरा गांव से आई थी।पूरा घर शादी की तैयारी कर रहा था, दूसरी तरफ खाना बनाया जा रहा था।समय रात्रि लगभग 9:00 बजे सिलेंडर से अचानक झोपड़ी में आग लग गई।झोपड़ी के निकट रखा दहेज का सामान बेड, कुर्सी,गद्दा,रजाई व अन्य घरेलू सामान जलकर राख हो गया।जहां पूरे घर पर खुशी का माहौल था,वही खुशियाँ मातम में बदल गई। वही मां मुन्नी देवी रो रो कर मीडिया वालों को बताया कि आज से लगभग 6 माह पूर्व मेरे घर में आग लग गई थी।जिसमें मेरी दो मोटरसाइकिल और गेंहू बेच कर जो रुपए 28 हजार नगद रखा हुआ तथा घरेलू सामान जलकर राख हो गया था।लेकिन शासन और प्रशासन ने मुझे एक फूटी कौड़ी तक नसीब नहीं कराई थी।मैंनें गुजर बसर करके अपनी पुत्री का विवाह किया है।अब पता नहीं प्रशासन मुझको देगा या कुछ नहीं देगा, केवल कागजी कार्रवाई कर पहले की तरह टालमटोल कर देगा। वही मुन्नालाल द्वारा बताया गया की रात्रि में केवल डायल 112 पुलिस मौके पर देखने आई और कोई प्रशासन का अधिकारी अभी तक झांकने तक नहीं आया।पूर्व प्रधान हरनाम सिंह राठौर ने जाकर परिवार को धैर्य दिलाया।जिसके बाद पीड़ित ने अपने अरमानों का गला घोंटते हुए पुत्री की विदाई की।जिससे तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।जिससे साफ जाहिर होता है तहसील प्रशासन किसी भी मदद करने से हाथ पीछे खींच रहा है।जब इस परिस्थिति में भी तहसील प्रशासन को जनता का ख्याल नहीं है तो कब वह समय आएगा जब तहसील प्रशासन जनता का सहयोग करेगा ?जिससे साफ जाहिर होता हैं कि तहसील सभागार में बैठे कर्मचारी वहीं बैठकर लोगों से पूछ कर मनगढ़ंत अआख्या लगाने का काम करते हैं और उच्च अधिकारियों को गुमराह करते हैं।
