अमरवीर बलिदानी हंसकर सूली चढ़ जाते है, रंच नहीं मरने जीने से किंचित घबराते – कवि दिलीप कश्यप’ कलमकार

फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज, आलोक शुक्ला की रिपोर्ट –कादरीगेट बिर्राबाग में चल रही श्रीमद भागवत कथा के समापन दिवस पर काव्य समारोह का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार महेश पाल सिंह उपकारी के संयोजन,वरिष्ठ साहित्यकार सत्यपाल सिंह ‘प्रगल्भ’ की अध्यक्षता एवं युवा साहित्यकार वैभव सोमवंशी के संचालन में संपन्न हुआ।


बुधवार देर रात को आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ गीतकार दिनेश अवस्थी की वाणी वंदना से हुआ। कार्यक्रम में श्रृंगार,ओज और हास्य रस की कविताओं का आनंद उपस्थित प्रबुद्ध जनों ने लिया। युवा शायर निमिष टंडन ने पंक्तियां पढ़ीं ‘मेरे आगोश में जब भी आया करो,कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी सुनाया करो। ओज कवि दिलीप कश्यप कलमकार ने ‘अमरवीर बलिदानी हंसकर सूली चढ़ जाते है, रंच नहीं मरने जीने से किंचित घबराते हैं देश भक्ति की पंक्तियां पढ़ी तो श्रोताओं ने खूब तालियों से उत्साहवर्धन किया। युवा गीतकार उत्कर्ष अग्निहोत्री ने ‘पढ़ा आंसु मुस्कानों से जब जुड़ जाते हैं,तब जाकर के हम गीतों को गाते हैं। वहीं प्रियांशु पाण्डेय ने जी भगवान राम को समर्पित पंक्तियां पढ़ी उन्हें सर पर बिठाकर फिर से उनके घर को लाए हैं,अवध के राम आए हैं।


राममोहन शुक्ला ने हास्य रस की पंक्तियां पढ़ी ऐसे इतराया न करो,इतना इत्र लगाया न करो।कार्यक्रम संयोजक महेश पाल सिंह उपकारी ने भगवान राम के महत्व को बताते हुए कहा एक बार कहने से नाम का प्रतीक बनता,दो बार कहने से होता प्रणाम है। तीन बार कहने से दया और हया आती,कहें अधिक बार बनता मंत्र राम नाम है। उन्होंने कथा व्यास आचार्य अखिलेश त्रिपाठी को इस अनोखी पहल के लिए शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम अध्यक्ष सत्यपाल सिंह ‘प्रगल्भ’जी ने आयोजक मंडल को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि आध्यात्मिक आयोजन के बाद साहित्यिक आयोजन का होना बहुत ही अच्छा प्रयास है ।उन्होंने वीर रस की कविताएं पढ़ी सीमा पर चलके करें दो दो हांथ। कथा व्यास आचार्य अखिलेश त्रिपाठी ने सभी साहित्यकारों को कहा कि आप सब एक सच्चे संत है जो हिंदी के उत्थान के साथ साथ समाज को सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर अग्रसर करने का काम करते हैं।आचार्य जी ने यह भी बताया कि अब लगभग प्रत्येक मंच पर कथा समापन के अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन मेरे संयोजन से हुआ करेगा।
शिव नगर के सभासद शक्ति सिंह,प्रवीण अवस्थी,मृदुल अग्निहोत्री,पूर्व सैनिक अरविंद चौहान,मोनू त्रिवेदी, हरभान सिंह,विभोर सोमवंशी, डॉ0 वी के तिवारी आदि श्रोतागण उपस्थित रहे।कार्यक्रम का सफल संचालन युवा साहित्यकार वैभव सोमवंशी ‘सुभग’ने किया।

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