राजेपुर, फर्रूखाबाद, आरोही टुडे न्यूज, अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट- स्वास्थ्य और रोजगार की समस्याओं को लेकर देश और प्रदेश की सरकारे हमेशा से ही जागरूक रही है। इन समस्याओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता व्यक्त की है। प्रदेश की सरकार भी इस समस्या के समाधान के लिए स्वास्थ्य केंद्रों उप स्वास्थ्य केंद्रों जिला स्तरीय लोहिया अस्पतालों में एक रुपए के पर्चे पर 15 दिन तक मुफ्त इलाज की व्यवस्था करती है जहाँ अच्छे डॉक्टर की तैनाती से मरीज का इलाज किया जाता है। बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य समस्या को लेकर मशीनों का प्रयोग मरीज के लिए कम रेट पर अथवा निशुल्क किया जाता है। परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में बिगड़ रही स्वास्थ्य सेवाएं अब लगातार हाशिये पर खड़ी है। जिससे साफ जाहिर होता है कि इस विभाग के उच्च अधिकारी इस तरफ ना तो ध्यान दे पाते हैं और ना ही उनके मातहत काम करने वाले कर्मचारी इन सेवाओं के प्रति गंभीर हैं। प्रदेश सरकार द्वारा सस्ते इलाज के वास्ते बनवाए गए उप स्वास्थ्य केंद्रों के अधीन आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निर्माण भी कराया गया। इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती की गई। जिससे गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण उनकी देखभाल कुपोषित बच्चों का इलाज टीवी के मरीजों तक पहुंच उनकी जानकारी एवं उनका इलाज और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनता का इलाज समुचित और उचित तरीके से किया जा सके। परंतु जब इन उप स्वास्थ्य केंद्र के ताले नहीं खुलेंगे कर्मचारी नहीं पहुंचेंगे तो इसमें रखी हुई दवाइयां अपना कार्यकाल पूरा कर एक्सपायर हो जाएंगी और स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल नजर आएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब मरीजों तक ना तो दवाई पहुंच पाएगी और ना ही समय से इनका इलाज हो पाएगा। ऐसी स्थिति में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का संकल्प प्रदेश सरकार का अधूरा ही रह जाएगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ ध्यान दें और जिस तरीके से करोड़ों रुपया लगाकर उप स्वास्थ्य केंद्र बनाकर इनमें कर्मचारियों की तैनाती की गई उसी तरीके से अब स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाएं। अगर इस तरफ ध्यान ना दिया गया तो स्वास्थ्य विभाग में तैनात यह कर्मचारी प्रदेश सरकार के इस उपक्रम को धीरे-धीरे घसीटते हुए सफेद हाथी बना देंगे और फिर आयुष्मान आरोग्य मंदिर लिखी हुई है इमारतें सिर्फ शोपीस बनकर रह जाएगी। जिसका जीता जागता उदाहरण राजेपुर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम जैनापुर महेशपुर का उप स्वास्थ्य केंद्र है।यहां ताले लटकते रहते हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं पहुंचते और क्षेत्र की गरीब जनता को समय से दवाइयां नहीं मिल पाती। यह लोग अपने इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर राजेपुर के स्वास्थ्य केंद्र तक जाते हैं। जहां इनका समय भी बर्बाद होता है और आने जाने में किराया भी लगता है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत में संचालित होने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से चलने वाले यह उप स्वास्थ्य केंद्रों पर विभाग की नजर होनी चाहिए और यह समय से खुले व लोगों को दवाइयां मिलती रहे।
