बहेड़ी (बरेली)। थाना बहेड़ी में एक महिला सिपाही के चक्कर में कई दिनों की तनातनी के बाद सोमवार रात दो सिपाहियों के बीच गोली चल गईं। दोनों सिपाहियों के अलावा एसएसपी ने इस घटना को छिपाने और कोई कार्रवाई न करने पर थाने में तैनात दोनों इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। सीओ को घटना की जांच का आदेश दिया गया है। पुलिस अफसरों के मुताबिक थाना बहेड़ी में बतौर मुंशी तैनात सिपाही मोनू पांडेय के महिला सिपाही से काफी दिनों से नजदीकी संबंध थे। कुछ समय से थाने में ही तैनात सिपाही योगेश चाहल भी महिला सिपाही के पीछे पड़ गया था। दोनों के बीच कई दिनों से तनातनी चल रही थी। चार दिन पहले मोनू और योगेश के बीच महिला सिपाही के घर के बाहर ही मारपीट तक हो गई थी। यह घटना इंस्पेक्टर बहेड़ी सतेंद्र भड़ाना की जानकारी में भी आई लेकिन उन्होंने इसे रफादफा कर दिया। सोमवार रात मोनू और योगेश के बीच थाने में ही झड़प हो गई। बात इतनी बढ़ी कि सिपाही मोनू ने एक दरोगा की ड्यूटी के बाद जमा की गई सरकारी रिवाल्वर से एक-एक कर दो गोलियां चला दीं। गोली किसी को लगी तो नहीं लेकिन इस घटना से थाने में हड़कंप मच गया। स्टाफ ने आननफानन थाने का गेट बंद कर सिपाही मोनू और योगेश को समझाकर अलग किया। इंस्पेक्टर सतेंद्र भड़ाना इस दौरान थाने में ही मौजूद थे लेकिन उन्होंने न सिपाहियों पर कोई कार्रवाई की न उच्चाधिकारियों को घटना की सूचना दी। रात में ही किसी और जरिये से एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह को थाना बहेड़ी भेजा। एसपी क्राइम ने थाने पहुंचकर रात दो बजे तक पुलिसकर्मियों से पूछताछ की और फिर पूरा वाकया एसएसपी को बताया। इसके बाद एसएसपी ने सिपाही मोनू पांडेय, योगेश चाहल और मनोज के साथ इंस्पेक्टर सतेंद्र भड़ाना और इंस्पेक्टर क्राइम अनिल कुमार को सस्पेंड कर दिया।
आखिर तक हुई बचाने की कोशिश, रात में हुआ लाइन हाजिर, सुबह सस्पेंड थाने में गोली चलने के बाद पहले मुंशी मोनू पांडेय को ही सस्पेंड किया गया। योगेश जिसकी वजह से यह घटना होने की नौबत आई, उसे लाइन हाजिर ही किया गया। इस बीच एसएसपी लगातार अपडेट लेते रहे। पूरा मामला पता चलने के बाद उन्होंने सुबह योगेश को भी सस्पेंड कर दिया। इसके साथ इंस्पेक्टर सतेंद्र भड़ाना, इंस्पेक्टर क्राइम अनिल कुमार और सिपाही मनोज को भी सस्पेंड कर दिया गया। इससे पहले योगेश की सरपरस्ती करने वाले अफसर उसे बचाने की कोशिश करते रहे। पूरा मामला जानकारी में आने के बाद वह भी एसएसपी के कोप का शिकार हो गया। महिला सिपाही के घर जाकर बनाया था वीडियो, फिर हुई थी मारपीट महिला सिपाही थाने के पास ही एक मोहल्ले में एक चाय वाले की गली में रहती है। उसी के पास एक प्वाइंट पर उसकी ड्यूटी लगी है। मुंशी मोनू अक्सर उसके घर जाता था। चार दिन पहले जब वह महिला सिपाही के घर बैठा हुआ था तो सिपाही योगेश और मनोज भी वहां जा पहुंचे और मोनू और महिला सिपाही का वीडियो बना लिया। इसी बात पर महिला सिपाही के घर के बाहर मोनू और योगेश में जमकर मारपीट हुई। महिला सिपाही को मनोज चुपचाप बाइक से थाने लेकर चला गया था। इसके बाद मोनू और योगेश में तनातनी और बढ़ गई। सोमवार रात दोनों के बीच थाने में ही गालीगलौज हुई, जिसके बाद मोनू ने गोलियां चला दीं। जिस रिवाल्वर से उसने गोलियां चलाईं, वह एक दरोगा की थी जो कुछ ही देर पहले ड्यूटी के बाद जमा करके गया था। दरोगा की रिवाल्वर मुंशी के पास कैसे आ गई, इसकी भी जांच की जा रही है। मारपीट की घटना इंस्पेक्टर सतेंद्र भड़ाना की जानकारी में आई, तब भी उन्होंने योगेश का बचाव किया। बताया जाता है कि योगेश को उन्होंने समझाया भी था कि मोनू और महिला सिपाही के बीच वह दखलंदाजी न करे लेकिन इसके बावजूद योगेश ने महिला सिपाही का पीछा नहीं छोड़ा। महिला सिपाही योगेश के खिलाफ इंस्पेक्टर से बुरी नजर रखने और छेड़खानी करने की भी शिकायत कर चुकी थी लेकिन इंस्पेक्टर ने उसे ही शांत रहने की हिदायत देकर बात खत्म कर दी थी। थाने का गेट बंद कर निपटाया गोली चलने का मामला जब दोनों सिपाहियों में झड़प के बाद गोली चली तो स्टाफ ने आननफानन थाने का गेट बंद करा दिया। काफी देर तक किसी को थाने के अंदर नहीं आने दिया गया। इस बीच स्टाफ सिपाहियों को समझाने और अलग-अलग करने की कोशिश करता रहा।
