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फसल की रखबाली कर रहे किसान के पास रात्रि में आया घड़ियाल, गांव में मचा हड़कंप

 

पालतू कुत्ते की जासूसी से बचा किसान, मानव महक से मैरा के पास आ रहा था घड़ियाल
– ग्रामीणों की सूचना पर रात्रि को ही पहुंचे वन कर्मी जब बन कर्मियों ने नहीं कर पाया कंट्रोल तो उसे किया नजरबंद
– सुबह होते ही ट्रैक्टर ट्राली में लादकर घड़ियाल को प्राकृतिक आवास में जलविहार के लिए सुरक्षित छोड़ा गया।

(डॉक्टर एस0बी0एस0 चौहान
चकरनगर/इटावा,उपलब्ध जानकारी के अनुसार बीती रात्रि करीब 1 वजे यह विशालकाय मगर यमुना कछार में यानी जल धारा से हटकर सूखी जमीन पर रात्रि में कुत्ते की आवाज पर बैटरी जला के देखा गया तो मगर दिखाई दिया इस पर हड़कंप मच गया। इस घटना की सूचना फसल बाढ़ सी बची बाजरा की रखा रहे विकलांग मुकेश सिंह सेंगर ने अपने सहयोगी साझीदार को बुलवा कर दिखाया तो वाकई में विशालकाय मगर था। दूरभाष पर तत्काल वनकर्मियों को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही सभी मौके पर पहुंच गए और रात्रि को करीब 1:00 बजे मगर को कब्जे में करने का प्रयास किया जाने लगा जब प्रयास असफल दिखाई दिया तो वन कर्मचारी वहीं पर डट गए सुबह होते ही सबसे पहले उसको जाल (नेट) के द्वारा कवर किया गया फिर उसके मुंह में बोरा आदि भर कर उसके मुंह को बंद कर दिया गया,इसके बाद ट्रैक्टर पर लादकर उसको प्राकृतिक आवास (जल विहार) में छोड़ दिया गया। बाबा दीपचंद्र महाराज ने अपने अनुमान से बताया कि यह जलधारा से उठकर ऊपर नहीं आया है यह हो सकता है आई बाढ़ के दौरान कहीं फंस गया होगा और जब पानी सूख गया तो यह धरातल पर ऊपर आकर दिखाई दिया, हमारे बहादुर वन कर्मियों ने बड़े ही साहस का परिचय देते हुए घड़ियाल को बिना किसी नुकसान पहुंचाए उसे जलधारा में जैसे ही छोड़ा वह तुरंत अपने आवास में आजाद होकर बिचरण करने लगा। वहां पर उपस्थित सैकड़ों ग्राम वासियों ने वन विभागीय कर्मचारियों के साहस और उपाय का शुक्रिया अदा किया। स्वामी दीपचंद महाराज ने वन विभाग के उच्चस्थ और जिला कलेक्टर से मांग की है कि रात्रि को 1:00 बजे वन कर्मियों के द्वारा अदम्य साहस का परिचय देने के लिए उन्हें अगर कुछ नहीं तो प्रशस्ति पत्र जरूर दिया जाए।

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