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क्षय रोगी के परिजनों को भी क्षय रोग से सुरक्षित रखने के लिए खिलाई जायेगी दवा


फर्रुखाबाद ,आरोही टुडे संवाददाता
देश व जिले को वर्ष 2025 तक क्षयरोग यानि टीबी मुक्त बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास जारी है। इसी क्रम में क्षय रोग संक्रमण रोकने के लिए टीबी प्रिवेंशन थेरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम शुरू होना है। इसी विषय पर मंगलवार को जिला क्षय रोग विभाग में टीबी सुपरवाइजर, लैब टेक्नीशियन, जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों का उन्मुखीकरण किया गया l
ज़िला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुनील मल्होत्रा ने बताया कि अभी तक पांच वर्ष तक की आयु के उन बच्चों का उपचार इसके तहत किया जाता था। इनमें एक्टिव टीबी बीमारी नहीं थी और उनको इस बीमारी से बचाव के लिए यह दवा दी जा रही थी l अब यही थेरेपी क्षय रोग से संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सभी लोगों को भी दी जाएगी।
डॉ मल्होत्रा ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह थेरेपी दी जा रही है।इसके तहत टीबी संक्रमित मरीज के परिवार के सदस्यों को चाहे वह बच्चा हो या वयस्क आयु के हिसाब से छह माह तक क्षयरोग प्रतिरोधक दवाएं दी जाती हैं। संक्रमित परिवार के सदस्यों की टीबी की जांच की जाती है और यदि वह संक्रमित नहीं होता है तो उसे टीपीटी दी जाती है। परिवार के सदस्यों की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर जांच और इलाज किया जाता है।
कम आयु के बच्चों में अक्सर बलगम नहीं बनता है| इसलिए बच्चे की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के अनुसार उसका पेट से सैंपल (गेस्ट्रिक लवाज) जांच के आधार पर ही टीबी का पता लगाया जाता है
डॉ मल्होत्रा ने बताया कि नाखून और बालों को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है | विशेष ध्यान देने वाली बात है कि फेफड़ों की टीबी यानि पल्मोनरी टीबी ही संक्रामक होता है | इसलिए जो व्यक्ति फेफड़ों की टीबी से ग्रसित है उनके परिवार के सदस्यों को थोड़ा सावधानी बरतने की जरूरत होती है |
जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले में इस समय लगभग 2761 क्षय रोगी हैं जिनका ईलाज चल रहा है साथ ही कहा कि टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं |
टीबी की जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है |
क्या हैं टीबी के लक्षण ?
दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय से खांसी आना
वजन में पिछले तीन माह से लगातार कमी आना
रात में पसीना आना
शाम के समय बुखार आना
इस दौरान पीपीएम रामानंद, डीपीटीसी अमित कुमार, एसटीएलएस नितेश कटियार,एसटीएस शफीक, कुलदीप मिश्र, प्रदीप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।

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