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मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना- कोविड़ से अभिभावक की मृत्यु होने पर अब तक 149 बच्चों को मिला योजना का लाभ

सामान्य परिस्थिति में अभिभावक की मृत्यु होने पर 125 बच्चों को मिला योजना का लाभ
पीएम केयर फंड से 7 बच्चों को मिला योजना का लाभ
योजना के तहत 30 बच्चों को मिल चुका है लैपटॉप
एक बेटी की शादी में सरकार द्वारा दिए गए एक लाख एक हजार रुपए

          बाल संरक्षण अधिकारी- सचिन सिंह

फर्रुखाबाद ,आरोही टुडे न्यूज़

केस 1 – नेकपुर चौरासी की विनीता सिंह के पति की मौत कोरोनावायरस से हो गई थी। घर में कमाने वाला कोई नहीं था। फिर सरकार की ओर से एक मुश्त 50000 हज़ार रुपए दिए गए l साथ ही तीनों बच्चों के भरण पोषण के लिए 4-4 हज़ार रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं l
केस 2 – हाथीखाना की रन्नौ देवी के पति की कोरोनावायरस से मौत हो गई। चार छोटे छोटे बच्चों के पालन पोषण की चिंता ने रन्नौ की नींद चुरा ली थी। इसी बीच सरकार की ओर से बच्चों को 4-4 हजार रुपए मिलने लगे। साथ ही आपदा राशि के रूप में रन्नौ को भी 50 हजार रुपए मिले।
विनीता और रन्नौ तो सिर्फ बानगी भर हैं असल में ऐसे कई परिवार हैं जिनको मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ मिला है। सरकार की यह पहल काफी लोकप्रिय भी रही है। जिला प्रोवेशन अधिकारी अनिल चंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत बच्चों के माता या पिता में से एक की भी मृत्यु कोरोना से हुई है तो उनके अभिभावक को बच्चों के पालन-पोषण के लिए 4000 रुपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता सरकार की ओर से दी जा रही है l मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से उन सभी बच्चों की मदद की जा रही है जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोनावायरस के संक्रमण से या किसी अन्य कारण से हुई है। इस योजना की शुरुआत 30 मई, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से की गई थी । इस योजना के माध्यम से न केवल बच्चों को आर्थिक सहायता दी जा रही है बल्कि उनकी शिक्षा से लेकर उनकी शादी तक का खर्च सरकार वहन कर रही है।
जिला प्रोवेशन अधिकारी अनिल चंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत बच्चों के माता या पिता में से एक की भी मृत्यु कोरोना से हुई है तो उनके अभिभावक को बच्चों के पालन-पोषण के लिए 4000 रूपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता सरकार द्वारा दी जा रही है l
डीपीओ ने बताया कि किसी अन्य कारण से भी अगर माता या पिता में से किसी की मृत्यु इस दौरान हुई है तो उनको भी योजना के तहत 2500 रूपए की राशि बच्चों के भरण पोषण के लिए प्रदान की जा रही है l
बाल संरक्षण अधिकारी सचिन सिंह ने बताया कि इस योजना के माध्यम से बालिका विवाह के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है।
सचिन सिंह ने बताया कि ज़िले में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड के तहत पंजीकृत 149 बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है वहीं उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत पंजीकृत बच्चों की संख्या 138 है जिनमें से 125 बच्चों को इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है।
साथ ही बताया कि पीएम केयर्स फंड द्वारा भी जनपद के 7 बच्चों को 10 10 लाख रूपए दिए जा चुके हैं l
इसके साथ ही पीएम केयर वाले बच्चों को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा आयुष्मान योजना के तहत दिया गया l साथ ही कक्षा 12 की शिक्षा पूर्ण होने तक प्रतिवर्ष 20000 रूपए की धनराशि उनके बैंक खाते में प्रदान की जा रही है l इसके साथ ही 4000 रूपए प्रतिमाह उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत उन्हें प्रदान किया जा रहा है l
साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड के तहत जो बच्चे कक्षा 9 से 12 में पढ़ रहे हैं उनमें से 30 बच्चों को लैपटॉप का वितरण योजना के तहत किया जा चुका है l इसके अलावा कोविड से ही जिस बेटी के माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु हो गई है और वह 18 वर्ष की है और शादी करना चाह रही है तो उसको भी सरकार द्वारा एक लाख एक हजार की धनराशि दी जा रही है l इसी के तहत जिले में योजना के तहत एक बेटी की शादी में भी 1लाख एक हज़ार रुपए की धनराशि दी जा चुकी है ।

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