भेदभाव की चादर में लिपटा अतिक्रमण हटाओ अभियान, जिसका शिकार स्वर्णकारों के लखना में “रानी का तालाब”
–दुर्दशा का शिकार है लखना का पक्का तालाब जिले में टॉप का तालाब होते हुए भी प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान! अतिक्रमण तो रोजमर्रा में शुमार हो गया, इटावा के तालाब से डेढ़ गुना बड़ा है तालाब। जनानखाना की पारदर्शिता है 400-500 महिलाएं एक साथ स्नान कर सकतीं है। ऐसा मर्यादित तालाब जिले में कहीं दूसरी जगह नहीं है
-हरनाथ सिंह कुशवाह, जिला उपाध्यक्ष भाजपा
– लखना कालिका मैया के बगल में बने तालाब में हजारों श्रद्धालु नहाते हैं, तालाब के आसपास रहने वाले लोगों के द्वारा गंदगी उसी तालाब में डाली जाती है। गंदगी होने से की वजह से बीमारी फैलने की भी संभावना रहती है। लखना नगर पंचायत चाहते हुए भी सफाई नहीं करवा पाती है, क्योंकि मंदिर और तालाब को लखना राज अपना बताते हैं, और एकाधिकार जनाते हैं। लोगों ने तालाब की पारियों पर अतिक्रमण भी कर रखा है, जानवर भी बांधते हैं। आस्था के प्रतीक तालाब का पानी पूजा पाठ के लिए श्रद्धालु बोतलों एवं कैनों में बड़ी श्रद्धा के साथ भरकर ले जाते हैं
– संतोष सिंह चौहान, अध्यक्ष
उ0प्र0उ0 व्यापार प्र0मंडल इटावा
– सन 2018 के इर्द-गिर्द नवनिर्वाचित चेयरमैन डॉक्टर समीर त्रिपाठी जी ने तालाब को पूर्ण निखार लाने के लिए सुंदरता पर ध्यान देते हुए साफ सफाई कड़ी मशक्कत करते हुए करवाई थी जो चिर स्मरणीय रहेगी, लेकिन उसके बाद फिर सफाई और गंदगी पर कोई विचार नहीं किया गया यह एक चिंता का विषय है। हमारे दूरदराज से आए मां के भक्त जो काफी असुविधाओं का सामना करते हैं, हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि मीडिया के द्वारा संज्ञान लिए जाने पर तालाब की ओर अधिकारियों का ध्यान आकर्षण होगा वहां का अतिक्रमण और गंदगी भी दूर होगी तालाब का शुद्ध पानी लोगों को मुहैया होगा
–अर्जित पोरवाल
श्री अपना ज्वेलर्स लखना
(डॉ0 एस0 बी0 एस0 चौहान की रिपोर्ट)
ऐतिहासिक नगरी लखना जो कि महेवा ब्लाक में पड़ती है लखना में कालिका मंदिर के पास पक्का तालाब है जो जनपद में अग्रणी स्थान रखता है।तालाब के किनारे मलवा पड़ा है, तथा वहां पर बकरा व बकरियां बांधी जाती हैं,इनकी पेशाब तालाब में जाती है, और नाली भी सही तरीके से नहीं बनी है। नाली का पूरा गंदा पानी तालाब में ही जाता है।उसी तालाब में बाहर से आए हुए श्रद्धालु स्नान कर आचमन(पूजन शुद्धि)भी करते हैं। आपको बताते चलें कि यहाँ हर वक्तभीड़ रहती है, पर्व काल व नवरात्रि के महीने में मां कालिका मंदिर में अपार भीड़ होती है। अधिकतर दर्शनार्थी/भक्तगण तलाब में आकर स्नान कर आचमन भी करते हैं।
कई वर्षों से गंदे नाले का पानी तालाब में वह कर जा रहा है। गंदगी की शिकायत लिखित और मौखिक रूप से कई बार नगर पंचायत लखना को दी गई तथा कई बार सूचित करने के बाद भी कोई कार्यवाही आज तक नहीं हुई, जिससे दर्शनार्थियों/ भक्तों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।गंदे जल में नहाना पड़ता है व आचमन भी करना पड़ता है। इसी तालाब के पूर्व दिशा स्थित नाँग-नांगिन मंदिर के पुजारी राजू महाराज ने बताया कि उन्होंने कई बार नगर पंचायत अधिकारी से शिकायत के क्रम में 27.09.2022 को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं दिखाई दे रही है। श्री महाराज ने बताया कि इतना ही नहीं एक प्रार्थना पत्र श्रीमान् जिलाधिकारी महोदय इटावा को 12.09.22 को जिसका रजिस्टर्ड क्रमांक 1966 पर दर्ज है जो सफाई के लिए दरख्वास्त दी थी उसके बाद भी स्वच्छता का कहीं नामोनिशान नहीं दिखा बल्कि स्थिति जस की तस बनी हुई है।
यदि हम अध्यक्ष व्यापार मंडल के वर्जन को आधार मान लेते हैं तो क्या प्रशासनिक अधिकारियों कि कोई जवाबदेही नहीं है तालाब भले ही राजघराने के कब्जे में है फिर जो आसपास गंदगी का साम्राज्य कायम किया जा रहा है क्या यह राजघराने की मर्जी से हो रहा है, यदि हां, तो क्या प्रशासन को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है❓ सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर अमृत सरोवरों का निर्माण कर रही है तो इस तालाब के लिए जनहित/न्याय हित में खर्चा नहीं किया जा सकता? स्थानीय प्रशासन की ढुलमुल स्थिति क्या है इससे साफ जाहिर होता है कि- तहसीलदार भरथना को 1 अक्टूबर 2022 को समय 3:20 पर व्हाट्सएप मैसेज किया, एसडीएम(भरथना) को 1 अक्टूबर समय 3:00 पर,चेयरमैन को 4 अक्टूबर समय शाम 4:00 बजे, व ई ओ लखना 4 अक्टूबर समय 4ः02 पर मैसेज कर उपरोक्त शिकायत व संबंधित विचारों से जानकारी हासिल करने का प्रयास किया गया लेकिन उपरोक्त किसी भी अधिकारी ने कोई भी जवाब देना लगता है अपनी कमजोरी को उजागर करने की हैसियत से समाचार लिखे जाते वक्त तक उत्तर ही नहीं दिया, जबकि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्पष्ट अधिकारियों को आदेशित करते हैं कि पत्रकारों के द्वारा किए गए कॉल को तत्काल उठाया जाए और संतोषजनक उत्तर दिया जाए यदि कोई व्यवधान है तो बैक कॉल कर वार्ता की जाए व्हाट्सएप मैसेज का भी उत्तर देना इसलिए अनिवार्य होता है लेकिन उपरोक्त किसी भी जिम्मेदार ने अपने द्वारा कोई भी उत्तर नहीं दिया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान को लेकर करोड़ों रुपया खर्चे कर रहे हैं, लेकिन लखना नगर पंचायत के अधिकारी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को ठेंगा दिखाते हुए नजर आ रहे हैं।
मंदिर के पास गंदगी का साम्राज्य कायम होने से नागरिकों ने रोष व्यक्त किया। इसमें प्रमुख रूप से उपस्थित राजेश मास्टर, विनोद तिवारी ,राजू सिंह ,राम लखन ,संजय मिश्रा ,टिंकू चौहान ,महेंद्र कुशवाहा ,जगवेन्द सिंह ,सोनू राजावत इत्यादि लोगों ने बताया कि नाँग-नांगिन मंदिर दर्शन में बहुत असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।