अमृतपुर,फर्रुखाबाद, आरोही टुडे संवाददाता
अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट
बाल शिक्षा में सुधार करने के लिए जहां प्रदेश और केंद्र सरकार लगातार जतन कर रहीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर शिक्षकों का लापरवाह पूर्ण रवैया बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए करोड़ों रुपए का बजट प्रतिवर्ष बाल शिक्षा अधिकार के तहत शिक्षा विभाग को उपलब्ध करवाया जाता है जिसके अंतर्गत विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ ड्रेस जूता मोजा बैग पुस्तकें एवं भोजन आदि की व्यवस्था में उपलब्ध कराई जाती हैं। परंतु शिक्षकों की लापरवाही एवं संबंधित अधिकारियों का ढुलमुल रवैया बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे है। शासन के जहां सख्त निर्देश है शिक्षण कार्य हेतु अध्यापकों को समय से विद्यालय पहुंचना चाहिए एवं प्रतिदिन शासकीय विद्यालयों में समयानुसार भोजन बच्चों को उपलब्ध करवाना चाहिए परंतु इसके विपरीत जनपद के कई ऐसे विद्यालय हैं जिनमें अध्यापक समय पर विद्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं तो कहीं-कहीं अध्यापक विद्यालय में उपस्थित होना मुनासिब नहीं समझते हैं। ऐसा ही कुछ हाल विकासखंड राजेपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय (कंपोजिट) अमैंयापुर पूर्वी का है। अमैयापुर पूर्वी के कंपोजिट विद्यालय में 9 शिक्षक तैनात हैं | समय लगभग दोपहर 11.30 बजे ग्रामीणों द्वारा सूचना के बाद जब मीडियाकर्मी की टीम स्कूल पहुंची तो विद्यालय में केबल दो अध्यापक प्रभात शुक्ला व ऋषभ कुमार ही उपस्थित मिले। विद्यालय के अध्यापक कुलदीप सिंह, सौरभ, आकाश राठौर, शिवम श्रीवास्तव, सुरेंद्र विद्यालय में अनुपस्थित मिले | विद्यालय के अध्यापक ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानाध्यापक ओम नारायण मिश्रा और अध्यापक दीपक छुट्टी पर चल रहे हैं। वही विद्यालय में उपस्थित ना पाए जाने वाले अध्यापकों की जानकारी करने पर विद्यालय में उपस्थित अध्यापकों द्वारा कोई सटीक जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद छात्रों से बनने वाले खाने की जानकारी प्राप्त की गई| तो छात्रों ने बताया मुझे आज खाने में रोटी और सब्जी मिली है| सोमवार को मिलने वाले फल भी नहीं दिए गए | इसके बाद ग्राम पंचायत गुडेरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में जब मिड डे मिल की स्थिति देखी गई तो वहां पर आज छात्रों के लिए खाना ही नहीं बनाया गया। रसोईया उपस्थिति दर्ज करा कर अपने घर के लिए रवाना हो गई| जब प्रधानाध्यापक विजय सक्सेना से फोन से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि सिलेंडर खत्म हो जाने की वजह से खाना नहीं बनाया गया। जबकि इससे पहले उसी स्कूल की शिकायत की गई थी कि खाना सिलेंडर पर ना बनाकर चूल्हे पर बनाया जा रहा है। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार द्वारा नोटिस देकर जवाब मांगा गया था। वहीं विद्यालय में अनुपस्थित अध्यापकों के बारे में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की जांच हेतु खंड विकास अधिकारी को भेजा जा रहा है। दोषी अध्यापकों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।