जिला हरदोई के ग्राम भौहापुर मढ़ी ग्राम नस्योली डामर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य अनूप ठाकुर जी महाराज ने सत्संग की महात्वा बताते हुए कथा की शुरुआत की उन्होंने ने कहा की सत्संग ही मानव जीवन की सच्ची आधारशिला सत्संग रूपी महासागर में जो डुबकी लगाते हैं वह अपने जीवन को सफल बना लेते हैं। सत्संग जीवन को निर्मल और पवित्र बनाता है। यह मन के खराब विचारों और पापों को दूर करता है। वाणी में सत्यता का संचार होता है। सत्संग मनुष्य का हर तरह से कल्याण करता है। मानव सत्संग से सुधरता है। विवेक जागृत होता है। सत्संग औषधि का कार्य करता है। प्रत्येक मानव शरीर में ईश्वर अंश-आत्मा का वास है, किंतु आज मानव मोह-माया व अन्य विभिन्नताओं में उलझ गया है। मानव जीवन पाने का उद्देश्य भूल गया है। सत्संग की प्राप्ति सारे कष्टों का समाधान है। सत्संग की प्राप्ति से मोक्ष की प्राप्ति होती है। चतुराई को छोड़कर सद्गुरू की चरण-शरण में आकर प्रभु की प्राप्ति ही मानव जीवन का परमलक्ष्य है।
व्यास अनूप ठाकुर ने कहा कि श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव बड़े धूमधाम से कई महीनों तक बृज में मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य बाल लीलाओं से बृज के गोपी,ग्वालों को आनंद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि माखन चोरी द्वारा हर गोपी के घर में जाकर भगवान उनका मनोरथ पूर्ण करते हैं! श्रीकृष्ण जन्म के बधाई गीतों से श्रोता पंडाल में झूम उठे पूरा पांडाल तालियों से गूंज उठा! कथा श्रवणार्थ बाबा चन्दमादास, परिक्षित सत्येंद्र सिंह सप्तनीक, गंगाराम द्विवेदी, राजेश मिश्रा, अनमोल त्रिवेदी, महक सिंह ‘माही’, साधना सिंह,अनिल सिंह, अतुल सिंह, हरिओम राजपूत सत्यभान सिंह, आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।