नियमित टीकाकरण कराएं ,बच्चों को बीमारियों से बचाएं- सीएमओ

आज से शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन होगा नियमित टीकाकरण डीआईओ
नगरीय स्वास्थ्य केंद्र रकाबगंज, साहबगंज, भोलेपुर और नौलक्खा में प्रतिदिन होगा टीकाकरण
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला और सिविल अस्पताल में भी प्रतिदिन लगेंगे टीके

फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज

टीकाकरण जहां लोगों की बीमारियों से सुरक्षा करता है वहीं सेहतमंद बनाने में भी मददगार बनता है | बात चाहे बच्चों के नियमित टीकाकरण की हो या कोविड टीकाकरण की, इनको समय से अपनाने में ही सभी की भलाई है | यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार का l
सीएमओ ने कहा कि हमें अपने बच्चों को समय पर टीके लगवा लेने में भी समझदारी है l बच्चों के टीके लग जाने पर बच्चे जानलेवा बीमारियों से बचे रहते हैं l
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार 15 जनवरी से शहरी क्षेत्र के सभी नगरीय स्वास्थ्य केंद्र रकाबगंज, साहबगंज, नौलखा और भोलेपुर, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जायेगा l यह अभियान सप्ताह के प्रत्येक मगंलवार से लेकर रविवार तक चलाया जाएगा | इसके अलावा जिले के सभी सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) , ग्रामीण स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर रोस्टर अनुसार टीकाकरण चलता रहेगा l

उन्होंने बताया कि टीकाकरण शिशु को 12 गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। शिशु और छोटे बच्चों को विशेषतौर पर बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसलिए हमें अपने बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण जरूर कराना चाहिए l

सहयोगी संस्था यूएनडीपी से वीसीसीएम मानव शर्मा ने बताया कि महिला को गर्भ धारण करने के बाद जैसे ही पता चलता है की वह गर्भवती है उसको टीडी का टीका लगाया जाता है| यह माँ और बच्चे को टिटनेस और डिप्थीरिया से बचाता है इसके बाद दूसरा टीका एक माह बाद लगता है | जन्म के तुरंत बाद बच्चे को पोलियो की खुराक के साथ ही टीबी से बचने के लिए बीसीजी का टीका, हेपेटाईटिस बी का टीका, इसके बाद डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह पर पोलियो की खुराक, पेंटा का टीका,  रोटा वायरस से बचाने के लिए रोटा का टीका और बच्चों को निमोनियां से बचाने के लिए पीसीवी का टीका साथ ही इंजेक्टेबल पोलियो का टीका दिया जाता है | इसके बाद नौ  माह पर खसरा और रुबेला  का टीका के साथ ही बच्चों को रतौंधी  रोग न हो और बच्चों की आँखों की  रोशनी अच्छी हो, इसके लिए विटामिन ए की खुराक भी दी जाती है साथ ही इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन की बूस्टर डोज भी दी जाने लगी है | 16 से 24 माह के बीच डीपीटी बूस्टर, पोलियो की खुराक,  खसरा और रुबेला  के टीके के साथ ही विटामिन ए की खुराक दी जाती है |

एनएफएचएस 5 (2019 21) के अनुसार जिले में टीकाकरण कार्ड के अनुसार 12 से 23 माह तक के 83.7 प्रतिशत बच्चों के सभी टीके लग चुके हैं l 12 से 23 आयुवर्ग में 95.3 प्रतिशत बच्चों के बीसीजी का टीका, इसी आयुवर्ग में 72.2 प्रतिशत बच्चों के पोलियो की तीन डोज, 82.7 प्रतिशत बच्चों को डीपीटी की तीनों डोज, 85.6 प्रतिशत बच्चों को मिजील्स रुबेला की फर्स्ट डोज, 34.7 प्रतिशत बच्चों को रोटा वायरस की तीनों डोज,  79 प्रतिशत बच्चों को पेंटा की तीनों डोज, 9 से 35 आयुवर्ग में 71 प्रतिशत बच्चों को विटामिन ए की खुराक,12 से 35 आयुवर्ग में 33.6 प्रतिशत बच्चों को मिजील्स रुबेला की दूसरी डोज दी गई है ।

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

× How can I help you?