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सुदामा चरित्र का वर्णन किए जाने पर पंडाल में उपस्थित श्रोता हुए भाव-विभोर

कानपुर देहात,आरोही टुडे न्यूज़

शुभ त्रिवेदी की रिपोर्ट

जनपद कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के गाँव भिखनापुर में चल रही भागवत कथा का समापन बुधवार को सुदामा चरित्र के वर्णन के साथ हुआ। कथाव्यास श्री श्याम नारायण तिवारी द्वारा सुदामा चरित्र का वर्णन किए जाने पर पंडाल में उपस्थित श्रोता भाव-विभोर हो गए। कथाव्यास ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है।
उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर सुदामा को रोककर गले लगा लिया। वही कथा पांडाल में पहुँचे क्षेत्र के (युवा समाजसेवी शुभ त्रिवेदी) ने कथा व्यास को माला पहनाकर हार्दिक अभिनंदन किया। इस मौके पर कथा के यजमान विनीत तिवारी, कोसाध्यक्ष नारायण सिंह, कमेटी के सदस्य राहुल त्रिवेदी, शिवम तिवारी, सत्यम तिवारी, अजय प्रजापति, आकाश शुक्ला, आलोक सिंह, समेत सैकडों भक्तगण मौजूद रहे।

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