कायमगंज,फर्रुखाबाद,आरोही टुडे न्यूज़
श्री राम कथा रस बरसा के छठवें दिवस पर जगदगुरु कथावाचक रामदिनेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि मनुष्य की सहज अवस्था ही प्रसन्नता है। ईश्वर का अंश हर जीवधारी के अंदर विद्यमान है।
नगर के मोहल्ला गंगादरवाजा स्थित गायत्री धाम शिवाला भवन के प्रांगण में 44 वॉ श्री राम कथा मानस सम्मेलन आयोजन के पांचवे दिवस पर जगदगुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा परमात्मा जिज्ञासा का प्रतीक हो सकता है।
किंतु जीव की कोई जिज्ञासा नहीं होती अपितु कहने का तात्पर्य है कि प्रत्येक मनुष्य और प्राणी सोच सकता है कि परमात्मा कितना शक्तिशाली व कैसा है। किंतु वह अपने बारे में कुछ नहीं कर सकता। मनुष्य की सहजावस्था प्रसन्नता है। किंतु मनुष्य अपने स्वार्थ में अपनी प्रसन्नता को खोता जा रहा है। आनंद की जगह वह कांटे वो रहा है। जिस कारण उसे आनंद की अनुभूति नहीं हो पा रही है।मंदिर जाने का आधार पापों का नाश करना नहीं, मंदिर जाने से पापों का नाश तो होता ही है ।बल्कि मंदिर जाने का आधार है कि हम ईश्वर से कहें कि हे प्रभु आप हमसे कभी भी पाप ना होने दें। हमें सद्बुद्धि दें।
इस अवसर पर मनोज कौशल ,पवन गुप्ता ,अमित सेठ, सुरेंद्र गुप्ता बाबा जी दीपक राज अरोरा आदि सहित भक्तगण व समिति के पदाधिकारी व्यवस्थाओं में लगे रहे। यहां इस सरस कथा का आयोजन 12 फरवरी से प्रारंभ हुआ है, और 18 फरवरी 2023 तक प्रतिदिन 2:00 से 5:00 बजे तक होगा।
संवाददाता अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट