फर्रुखाबाद,आरोही टुडे न्यूज़
मेरापुर क्षेत्र में खेत में पड़े मिले नवजात शिशु को आखिर एक सप्ताह बाद फिलहाल मां की गोद मिल गई है| बाल कल्याण समिति ने बच्चे की सुरक्षा व संरक्षण के लिए अस्थाई तौर पर देखभाल के लिए उसे एक निःसंतान दंपती को दे दिया है।
लावारिस शिशु मिलने के बाद से ही उसे गोद लेने के लिए लोगों में होड़ लगी हुई थी। गांव गणेशपुर में एक खेत में 12 मार्च की रात लावारिस नवजात शिशु पड़ा मिला था। पुलिस द्वारा शिशु को महिला लोहिया अस्पताल के सिक एंड न्यूबार्न केयर यूनिट में भर्ती कराया गया। बच्चे के स्वस्थ होने के बावजूद सुरक्षा की दृष्टि से एहतियातन उसे कई दिन एसएनसीयू वार्ड में ही रखा गया। बाद में उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
समिति ने बच्चे की सुरक्षा और संरक्षण की दृष्टि से फिलहाल उसे एक निःसंतान दंपती को दिया है। संदीप सिंह व उनकी पत्नी आरती देवी के विवाह के 9 वर्ष बाद भी परिवार में कोई औलाद नहीं थी| लावारिस नवजात की सुपुर्दगी पाकर जहां आरती फूले नहीं समा रहीं वहीं नवजात को भी मां की गोद मिल गई है| हालांकि काफी संख्या में लोग बच्चे को गोद लेने के लिए लालायित थे|
बाल समिति कल्याण की अध्यक्ष रुचि तोमर ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए शासन की ओर से प्रक्रिया निर्धारित है। इसके लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करना होता है। इसके बाद लखनऊ में प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा आवेदकों का साक्षात्कार लेने के बाद उपयुक्त दंपती को ही बच्चा गोद दिया जाता है| समिति के सदस्य आरके शर्मा ने बताया कि बच्चे को अस्थाई संरक्षण के लिए एक दंपती को दिया गया है|
