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Hanuman Jayanti 2023: भूलकर भी न करें हनुमानजी की पूजा में ये 5 काम, वरना नाराज होंगे बजरंगबली

Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2023) के दिन मनाई जाती है. इस बार ये पूर्णिमा 6 अप्रैल को पड़ रही है. ऐसे में भगवान हनुमान का जन्मदिन इसी दिन मनाया जाएगा. सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बेहद खास होता है. इस दिन बजरंगबली के भक्त व्रत रखते हैं और विधि विधान श्रीराम भक्त हनुमान की पूजा करते हैं. हनुमान जयंती का पर्व पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन हनुमान जी के मंदिरों में भक्तों का तांता लग जाता है.

कहा जाता है कि धरती पर कलयुग में हनुमानजी ही एक मात्र सशरीर देवता हैं. रामभक्‍त हनुमान की पूजा में भक्ति के समावेश के साथ कुछ विशेष बातों का भी ध्‍यान रखना बेहद जरूरी है. धर्मशास्त्रियों के अनुसार सनातन धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्‍त हनुमान को संकट मोचक माना गया है. मान्‍यता है कि श्री हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्‍त को किसी बात का भय नहीं सताता है. उनके नाम मात्र से आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं. हनुमान जी के जन्‍मोत्‍सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन प्रमुख पांच गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.

हनुमानजी को प्रिय है लाल रंग-

श्री बजरंग बली का प्रिय रंग लाल है। ऐसे में पूजा के दौरान उनकी पसंद का पूरा ध्यान रखें. कहने का तात्पर्य श्री हनुमान जी को लाल रंग के फूल, कपड़ें आदि अर्पित करें. श्री हनुमान जी की पूजा काले या सफेद रंग के कपड़े पहनाकर न करें. ऐसा करने पर आपकी पूजा पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है. हनुमान जी की पूजा में लाल और पीले रंग के कपड़ों का ही प्रयोग करें.

ऐसे में न करें हनुमान का ध्यान-

श्री बजरंग बली काफी शांतप्रिय देवता माने जाते हैं, इसलिए उनकी साधना बड़े ही शांत मन से करनी चाहिए. यदि आपका मन अशांत है या फिर आपको किसी बात पर क्रोध आ रहा है, तो ऐसे में हनुमान जी की पूजा न करें. अशांत मन से की गई पूजा से हनुमान जी प्रसन्न नहीं होते हैं. साथ ही हनुमत पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी अपना मन न भटकने दें.

चढ़ाएं चरणामृत-
बहुत कम ही लोगों को इस बात का ज्ञान है कि हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता है. साथ ही श्री बजरंग बली की खंडित अथवा टूटी मूर्ति की पूजा करना भी वर्जित है. मांस-मदिरा का सेवन करने के पश्चात् भी न तो हनुमान मंदिर जाएं और न ही उनकी पूजा करें.

करें क्रोध और जपे सिर्फ राम नाम-

हनुमान जी जिनते बलशाली देवता हैं उतना ही शांत उनका व्‍यक्तित्‍व है. पूजा के दिन भूलकर भी क्रोध न करें. इस पूरे दिन राम नाम की 108 माला जपने से रामभक्‍त हनुमान बेहद प्रसन्‍न होते हैं.

नमक का प्रयोग वर्जित-

हनुमान जी की साधना-आराधना और व्रत रखने वाले व्यक्ति को मंगलवार या हनुमान जयंती के व्रत वाले दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दान में दी गई वस्तु, विशेष रूप से मिठाई का स्वयं सेवन न करें.

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