शमशाबाद,फर्रुखाबाद,आरोही टुडे न्यूज
बाढ़ ग्रस्त हाइवे पार कराने के नाम पर ट्रैक्टर चालकों द्वारा जारी है, बाइक सवार लोगों से, अवैध वसूली का खेल । प्रशासन खबर के बावजूद भी बना बेखबर। जानकारी के अनुसार गंगा कटरी क्षेत्र में एक लंबे समय से बाढ़ का तांडव देखा जा रहा है। हालांकि अब पानी कुछ कम हुआ, पर बाढ़ का पानी अभी भी शमसाबाद शाहजहॉपुर हाइवे पर आवागमन करने वाले लोगों के लिए बबाल ए जान बना हुआ है। गंगा क्षेत्र में जहां बाढ़ का पानी चारों ओर देखा जा रहा है वहीं गांव गली मोहल्लों यहां तक कि घर-घर जल सैलाब देखा जा रहा है। बाढ़ के संभावित खतरों को देख घरों को छोड बाढ़ पीड़ित आज भी सड़क किनारे डेरा जमा कर जीवन यापन कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है एक लंबे समय से हाइवे के किनारे डेरा जमा कर जीवन यापन करने वाले लोगों के आगे ढेर सारी समस्याएं देखी जा रही हैं। जिसमे रोजी रोटी से लेकर खाने-पीने की समस्याएं प्रमुख हैं ।
बताते हैं शमशाबाद ढाई घाट होते हुए शाहजहांपुर जाने वाले मार्ग पर अभी भी बाढ़ का पानी चल रहा है। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए ।जोअनजान लोगों को मौत का संदेश दे रहे हैं । हालांकि जो लोग जानते हैं, उन्हें तो कोई दिक्कत नहीं ,बह अपने हिसाब से आवागमन कर रहे हैं । लेकिन जो नहीं जानते हैं उन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध वसूली के कारोबार से जुड़े ट्रेक्टर चालक जो बाइक सवारों को बाढ़ का खतरा बताकर ट्रैक्टर ट्राली से आवागमन करने पर मजबूर कर रहे हैं। बाइक सवार लोगों से आवागमन के नाम पर ₹50 से लेकर ₹100 तक अवैध वसूली की जा रही है। सबसे बड़ी बात है, इसमें बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में जहा प्रशासनिक अधिकारियों का आगमन देखा जा रहा है। बही समाजसेवी जनप्रतिनिधियों को भी देखा जा रहा है, हर किसी की आंखों के सामने ट्रैक्टर चालक अवैध वसूली के कारोबार को अंजाम देकर चौकस कमाई कर रहे है।
जानकार लोगों की माने तो गंगा में जारी विनाशकारी बाढ़ से हर तरफ तबाही का आलम देखा जा रहा है। ग्रामीणों के घरों में बर्बादी का नजारा देखा जा रहा है। गरीब मजदूर किसानों के खेतों में भी बर्बादी का नजारा देखा जा रहा है। गंगा कटरी क्षेत्र में निवास करने वाले पशुपालकों में काफी मायूसियां देखी जा रही हैं। क्योंकि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में पशुओं के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल हो रहा है । बैल गाड़ियों के सहारे पशुओं के लिए चारा जुटाना एक बड़ी चुनौती है, ना जाने किस जगह गहरे गहरे गड्ढों में भरा पानी कही किसी की मौत का कारण ना बन जाए ।
बताते हैं बाढ़ से पूर्व बालू माफियाओं द्वारा अवैध खनन के जरिए गहरे गहरे गड्ढे कर दिए गए थे। जिस में बाढ़ का पानी भरा हुआ है । लोगों को समझ नही आता आखिर करे तो क्या करे। उधर आर्थिक तंगी के हालातों से गुजर रहे बाढ़ पीड़ितों में मायुसियो का आलम देखा जा रहा है। लोगों का कहना है बुरे वक्त में ना तो प्रशासन द्वारा ठीक से मदद कर की गई है न ही समाजसेवी लोगों द्वारा राहत के नाम पर उपलब्ध कराई गई राहत सामग्री जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। मजबूर मायूस लोगो के आगे समस्याओं के अंबार है । कृषि कार्य भी ठप्प चल रहा खेतों में तैयार फसलें बर्बाद हो गई। बच्चो के स्कूल जाना भी बाधित है । ऐसे हालातों में किसानों की आंखो के सामने खौफनाक मंजर ही नजर आ रहा है।
संवाददाता अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट