अमृतपुर, फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज, अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट
गगा नदी में लगातार छोड़े गए पानी के कारण गंगा नदी चेतावनी बिन्दु से 15 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी है।जिससे एक बार फिर गंगा नदी में उफान दिखाई देने लगा है।जिसके कारण दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।क्षेत्र के दर्जनों गांव में पानी आते ही फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा।बरुआ संपर्क मार्ग, खानपुर संपर्क मार्ग, आशा की मडैया संपर्क मार्ग, चित्रकूट संपर्क मार्ग,मंझा की मड़ैया सम्पर्क मार्ग पर पानी आ गया है।जिसके कारण राजाराम की मड़ैया, कंचनपुर सबलपुर,नगरिया जवाहर, हरसिंहपुरकायस्थ,उगरपुर,करनपुरघाट,रामप्रसाद नगला,नगला दुर्गू, कछुआ गाढ़ा,बमियारी,रामपुर जोगराजपुर, भावपुर आदि गांवो में पानी पहुंचने लगा है।जिसके कारण ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं।तहसील प्रशासन भी बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए तैयार दिखाई दे रहा हैं।आज सुबह गंगा में नरौरा बांध से 162668 क्यूसेक,बिजनौर बैराज से 56577 क्यूसेक,हरिद्वार बांध से 77477 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।जिससे गंगा का जलस्तर चेतावनी बिन्दु से 15 सेन्टीमीटर ऊपर बहने लगा है।रामगंगा नदी में आज खो बैराज से 10343 हरेली बैराज से 468 रामनगर बैराज से 1029 टोटल 11840 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे रामगंगा का जलस्तर 135.45 पर बहने लगा हैं।उप जिला अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट है। बाढ़ क्षेत्र में लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई है। बाढ़ कंट्रोल रूम व बाढ़ चौकियों से निगरानी की जा रही है। बाढ़ शरणालय अलर्ट कर दिए गए हैं। बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के राममोहन, विशेश्वर, दीनदयाल,हरिओम,प्यारेलाल, अनोखेलाल,चेतराम,प्रदीप,कल्लू आदि लोगों ने बताया कि बार-बार गंगा का जलस्तर बढ़ने से दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं।जानवरों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।खेतों में लगे भूसे के कूप पानी में भीगने लगे हैं। जिससे उनके खराब होने की संभावना बढ़ गई है।लगातार बढ़ रहे जलस्तर से जानवरों के लिए घास व चारे की समस्या पैदा हो गई है।ऊंचे इलाकों में पशुपालकों को घास मिल जाती थी परंतु अब पानी वहां तक पहुंचने लगा है।