कोरोना संक्रमण काल के दौरान शुरू हुए आनलाइन क्लास का असर, बच्चों की आंखों पर दिखने लगा

फर्रुखाबाद ,आरोही टुडे न्यूज़

कोरोना संक्रमण काल के दौरान शुरू हुए आनलाइन क्लास का असर अब बच्चों की आंखों पर दिखने लगा है। बच्चे मायोपिया के शिकार हो रहे हैं। उनके दूर तक देखने की क्षमता पर असर पड़ रहा है। ढाई वर्ष में डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में ऐसे मरीजों की संख्या में लगभग डेढ़ गुना का इजाफा हुआ है। यह कहना है अंधता निवारण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ सर्वेश यादव का ।

डॉ यादव का कहना है कि बच्चे को जब कम दिखाई पड़ने की समस्या हो तो तत्काल उन्हें नेत्र रोग विशेषज्ञ से दिखाने की जरूरत है। इसमें लापरवाही न बरतें। उन्होंने बताया कि बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक काफी लोग आंखों के दृष्टि दोष के कारण चश्मे का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही देश में ऐसे लोगों की भी बड़ी संख्या है, जिनकी आंखों का दोष ठीक हो सकता है, लेकिन उन तक स्वास्थ्य सेवाएं न पहुंचने के कारण उनकी समस्या अंधेपन में बदल जाती है। कम से कम लोग अंधेपन के शिकार हों, इसके लिए लोगों को आंखों की देखभाल के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।

डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में वरिष्ठ परामर्शदाता और नेत्र सर्जन डॉ अजय ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में बच्चे मोबाइल पर आनलाइन क्लास लिए। इसके बाद समय बचा तो मोबाइल से ही खेलते रहे, क्योंकि उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था। इसका असर उनकी आंखों पर पड़ने लगा है। पहले एक माह में लगभग 20 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होते थे, अब इनकी संख्या 50 के आसपास हो गई है। लगातार मोबाइल पर देखने से आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं। आंखें सिकुड़ रही हैं। उनके दूर देखने की क्षमता कम हो रही है।

डॉ अजय ने बताया कि लोहिया अस्पताल में प्रतिदिन 200 से लेकर लगभग 250 मरीज आंखों की समस्या से ग्रसित आते हैं l साथ ही कहा कि लोहिया अस्पताल में मोतियाबिंद से ग्रसित मरीज का निशुल्क इलाज किया जाता है l पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 250 मरीजों की आंखों का आप्रेशन कर उनको आंखों की रोशनी लौटाई गई l
आँखों को नुकसान न पहुँचे इसलिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि-

-आँखों को दिन में दो बार ठण्डे पानी से धोना चाहिए।

-पढ़ते समय रोशनी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बहुत हल्की रोशनी में पढ़ने या लिखने से आँखों पर दबाव पड़ता है।

-धूल, प्रदूषण एवं तेज धूप से आँखों को बचाना चाहिए, तेज धूप में जाते समय आँखों पर अच्छी गुणवत्ता वाले चश्मों का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की पराबैंगनी किरणें (UV rays) आँखों को नुकसान पहुँचाकर समस्याओं को उत्पन्न करती है।

-बहुत देर तक लगातार पढ़ने या कम्प्यूटर पर काम करने के कारण आँखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए कुछ देर के अंतराल में आँखों को बंद कर के आराम देना चाहिए।

इसके अलावा आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आँखों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना चाहिए जिसमें आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स हो। आहार ऐसी होनी चाहिए-

-विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटिन से युक्त आहार का सेवन करें, जैसे- गाजर, सभी खट्टे फल आदि। विटामिन-ए के लिए गेहूँ से बने उत्पाद तथा नट्स का सेवन करें।

-हरी पत्तेदार सब्जियाँ एवं दालों का सेवन करें।

-ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन आँखों के लिए बेहद जरूरी होता है। इसलिए अलसी के बीजों का सेवन करें।

-शकरकंद (Sweet potato) को भी अपने आहार में शामिल करें। यह बीटा कैरोटिन और विटामिन- ई का अच्छा स्रोत होता है।

-नट्स में अच्छी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है जो आँखों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली क्षयकारी बीमारियों से बचाता है इसलिए नट्स का सेवन करें, जैसे- अखरोट, बादाम, पिस्ता, मूंगफली आदि।
यह भी जानें
विश्‍व दृष्टि दिवस हर साल अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इस बार यह दिवस 13अक्टूबर यानि गुरुवार को मनाया जायेगा l इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है धुंधली दृष्टि, अंधापन और दृष्टि से संबंधित समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। पहली बार यह दिवस लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2000 में मनाया गया था। दृष्टि प्रथम अभियान के तहत इसकी शुरुआत हुई थी। इस विशेष दिन पर ध्यान उन लोगों की ओर होता है जो ठीक से देख नहीं सकते, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, मधुमेह रेटिनोपैथी, ट्रैकोमा जैसी स्थिति में होते हैं।

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

× How can I help you?