फर्रुखाबाद ,आरोही टुडे न्यूज़
जिले में मातृ और नवजात मृत्यु में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग जमीनी कार्यकर्ताओं एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूक करता रहता है l लेकिन अभी भी लोग गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने से कतराते हैं l उनके मन धारणा बनी हुई है कि अस्पताल ले जाने पर महिला का आपरेशन कर दिया जायेगा l महिला की चार प्रसव पूर्व जांचें और टीकाकरण से भी बचते हैं l यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार ने गृह प्रसव को किस तरह से रोका जाए और उनको आशा के माध्यम से कैसे ट्रैक किया जाए विषय पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सहयोगी संस्था यूपीटीएसयू, यूनिसेफ के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में मंगलवार को एक बैठक में कहीं। सीएमओ ने कहा कि जिस गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व न तो कोई जांच हुई और न ही टीके लगे और तो और जब उसका प्रसव भी गांव की अप्रशिक्षित दाई द्वारा करा दिया जाता है तब उसकी जान पर बन आती है l इसी को हम सभी को मिलकर रोकना होगा ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और आरसीएच नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने कहा कि लोगों को अभी भी जागरूक होने की जरूरत है कि गर्भवती महिला का प्रसव अस्पताल में ही कराएं साथ ही उसकी चार प्रसव पूर्व जांचे भी सरकारी अस्पताल में कराएं l माह की 9 तारीख़ को जिले कि सभी सीएचसी , सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में और माह की 24 तारीख को जिले के चार फर्स्ट रेफरल यूनिट कायमगंज, राजेपुर,कमालगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व जांचें की जाती हैं और टीडी का टीका भी लगाया जाता है जिससे महिला और उसके होने वाले गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित रखा जा सके l
एसीएमओ ने बताया कि एनएफएचएस 5 (2019-21) के अनुसार जिले में जानकारी के अभाव में घरेलू प्रसव 30.7 प्रतिशत हुए l इसी को रोकने के लिए जिले में 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच हुए प्रसव के बारे में आशा कार्यकर्ता द्वारा जानकारी की जाएगी जिससे पता चलेगा कि आखिर घरेलू प्रसव क्यों हो रहे हैं l
उसी आधार पर आगे की रणनीति तैयार कर घरेलू प्रसव को रोकने की कोशिश की जाएगी और जच्चा बच्चा को सुरक्षित रखा जाएगा जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्श दाता अतुल गुप्ता ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में 17198 गर्भवती महिलाओं का संस्थागत सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है जो लक्ष्य का 80 प्रतिशत है ।
अतुल ने बताया कि जच्चा व बच्चा के जीवन को सुरक्षित करने के लिए जनपद में आशा कार्यकर्ता के माध्यम से जनसमुदाय को संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक किया जाता है। जच्चा व बच्चा दोनों के सुरक्षित जीवन के लिए घर पर प्रसव न कराएं।
इस दौरान डीपीएम कंचन बाला, यूनिसेफ से डीएमसी अनुराग दीक्षित, यूपी टीएसयू के प्रतिनिधि, बीपीएम बीसीपीएम आदि लोग मौजूद रहे l