राजेपुर, फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज़
अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजेपुर के कर्मचारियों द्वारा उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक तरफ जहां सरकार गरीबों के इलाज हेतु लाखों रुपए दवाइयों पर खर्च करती है तथा उन तक मुफ्त दवाई पहुंचाने का हर संभव प्रयास करती है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजेपुर के कर्मचारियों द्वारा सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। किसी भी मरीज को ठीक तरीके से उपचार नहीं दिया जा रहा है। नगला खुशहाली में घटना के बाद राजे पुर में आए मरीजों ने भी बताया था कि राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में घायलों को ठीक प्रकार से उपचार नहीं दिया गया और उपचार के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई। दवाई के नाम पर घायलों को केवल सेवर लोन लगाकर घर भेज दिया गया था। जिसके हाथ में गंभीर चोट थी।उसके बावजूद भी डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरतते हुए इलाज के नाम पर केवल सेव लोन लगाकर घर भेज दिया गया। जिसमें कई घायलों का ठीक तरीके से उपचार न होने के कारण उन सबका घाव पक गया। राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रात्रि में मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं है। रात्रि में मरीजों को मोबाइल की लाइट के माध्यम से इलाज दिया जाता है। जहां बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। एक तरफ जहां सरकार गरीबों के इलाज हेतु लाखों रुपए खर्च करके सरकारी अस्पतालों तक दवाई पहुंचाती है। लेकिन सरकारी अस्पताल में मरीज इलाज के लिए तड़पते ही रहते हैं। आखिरकार सवाल यहां है कि अस्पताल में आई दवाई का क्या होता है? मरीज इलाज के लिए तड़पता रहता है।इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। कुछ ग्रामीणों ने बीते दिनों राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए किसी प्रकार की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी घायलों के लिए संवेदना व्यक्त की थी तथा अधिकारियों को इलाज हेतु निर्देश दिए थे लेकिन राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने उनके आदेशों की धज्जियां उड़ा दी तथा दवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की। भारत सरकार द्वारा गरीबों के इलाज हेतु सप्ताह में एक दिन मुफ्त दवाई वितरित करने की योजना भी शुरू की है। इसके बावजूद भी गरीब इलाज के लिए भटकते रहते हैं। राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गरीबों का शोषण हो रहा है। मरीजों का इलाज ठीक प्रकार से नहीं हो रहा है न ही बिजली की कोई उचित व्यवस्था है।