फर्रुखाबाद ,आरोही टुडे न्यूज़
स्वास्थ्य सेवाओं को जन समुदाय तक पहुंचाने और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए आशा कार्यकर्ता न दिन देखतीं हैं न रात जब भी किसी का फोन आ गया या पता चला किसी को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाना है या क्षय रोगियों को इलाज के लिए सीएचसी पर ले जाना है, तो अपने घर के सभी काम छोड़कर मरीज़ को स्वास्थ्य सेवा दिलाने के लिए निकल पड़ती हैं l
आशा कार्यकर्ता की इसी सेवा भाव की देश भर में ही सराहना नहीं होती बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इनकी तारीफ़ की है।
इसी क्रम में राजेपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम भरखा की रहने वाली आशा शोभा पाल ने आशा कार्यकर्ता के रूप में 2006 में काम करना शुरू किया तब बहुत सी सामाजिक कठिनाइयों का सामना करने के बाद अब अपने क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही क्षय रोग के प्रति गृह भ्रमण के दौरान जागरूक कर रही हैं।
वह अपने गांव के साथ ही आस पास के गांव के लोगों का भी इलाज करा कर विशेषकर क्षय रोग से बचाव के प्रति सही इलाज और सही खानपान के संदर्भ में घर-घर जाकर जानकारी देती हैं। ग्रामवासी उनकी सलाह को गंभीरता से सुनते हैं और बीमार होने पर उनसे संपर्क करते हैं।
आशा शोभा बताती हैं 2017 से अब तक अपने क्षेत्र के 46 लोगों का टीबी का इलाज करवाया जिसमें से 44 लोगों ने टीबी को मात दी है इस समय दो क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है l
शोभा कहती है जब भी मुझको अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से समय मिलता है तो लोगों को टीबी रोग के बारे में जानकारी देती हूं l साथ ही रोग होने पर हमें क्या करना चाहिए , कहां पर जांच करानी है कैसे दवा मिलेगी और किस तरह से दवा खानी है इसके बारे में जानकारी देने के साथ ही बताती हूं कि टीबी की दवा बीच में नहीं छोड़ी जाती है अगर बीच में इसकी दवा भूलवश छूटी तो यह खतरनाक भी हो सकती है l
शोभा पाल कहती हैं कि शुरुआत में क्षय रोग के लक्षण मिलने पर लोगों से कहती कि अपने बलगम की जांच करा लो कोई सुनता ही नहीं था लेकिन जब उनको बताया कि यह आपसे आपके घर बालों को भी हो सकती है जांच करा लो तो यह पता चल जाएगा कि टीबी है कि नहीं अगर होगी तो उसका इलाज हो जायेगा तब जाकर कहीं लोगों में जागरूकता आई अब किसी को भी अगर कई दिनों तक खांसी आती है तो खुद ही आकर मुझसे कहते कि मेरी जांच करा दो l
सीएचसी राजेपुर में तैनात सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर रिजवान ने बताया कि आशा शोभा पाल बहुत ही लगन से टीबी रोगियों की देखभाल करती हैं। अब तक 44 टीबी रोगियों के इलाज में पूरी मदद की है l सभी टीबी रोगी स्वस्थ हैं l अभी दो टीबी रोगियों का इलाज चल रहा हैl
रिजवान ने बताया कि इस समय टीबी यूनिट राजेपुर में 263 क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है वहीं एसीएफ अभियान के दौरान 16 क्षय रोगी मिले हैं जिनका इलाज चल रहा है l
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने कहा की राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं यह आशा कार्यकर्ता ही हैं जो क्षय रोगियों को खोजने के साथ ही उनका के इलाज कराने में मदद करती हैं l
डीटीओ ने बताया कि जिस किसी को भी दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी, बुखार आ रहा है, वजन कम हो रहा है बलगम में खून आ रहा है या भूख नहीं लग रही है तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करा सकते हैं l
डीटीओ ने बताया कि आशा शोभा पाल बहुत ही लगन से क्षय रोगियों की देखभाल में लगी हुई हैं वह उनकी मेहनत ही है जो अब तक 44 मरीजों को स्वस्थ करा चुकी हैं l
जिला कार्यक्रम समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि इस समय जिले में 2108 क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है l
साथ ही कहा कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक एक करोड़ रुपए का भुगतान निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों के पोषण के लिए किया जा चुका है l
ग्राम भरखा के रहने वाले 72 वर्षीय मुन्नालाल बताते हैं मुझे काफ़ी दिनों से बुखार और खांसी आ रही थी तो आशा के कहने पर अपनी जांच लोहिया अस्पताल में 20 अगस्त 2022 को कराई , जांच में टीबी निकली मैंने लगभग 7 माह तक अपना लगातार इलाज कराया आशा पति संजीव मुझे दवा खत्म होने से पहले ही दे जाते थे और बीच बीच में आशा मुझसे मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेती रहती थीं आज उनकी वजह से ही स्वस्थ हूं ।