कायमगंज ,फर्रुखाबाद,आरोही टुडे न्यूज़
24 घंटे निशुल्क एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तथा उपचार देने की सरकार की मंशा आए दिन स्वास्थ्य कर्मियों की कारगुजारी तथा सरकारी अस्पताल मेंआने वालों की किसी न किसी बात पर होने वाली नोकझोंक से तार-तार होती दिखाई दे रही है। जिसका ताजा नमूना गत रात 30 अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज में हुए एक मामले के बाद सामने आ रहा है। जिसमें स्वास्थ्य कर्मी मरीज के तीमारदारों पर और तीमारदार स्वास्थ्य कर्मियों पर अभद्रता व मारपीट करने का आरोप लगाते हुए दिखाई दिए।
घटना के संबंध में एक तहरीर स्वास्थ्य कर्मी ने पुलिस को सौंप कर कार्यवाही की मांग की है ।आपको बता दें कि सीएचसी कायमगंज में बीती देर रात्रि बाबूलाल पुत्र फूल सिंह निवासी आजमनगर थाना कंपिल व उपदेश पुत्र सत्येंद्र सिंह निवासी शहबाजपुर थाना जैथरा जनपद एटा, एक बच्चे के इलाज के सिलसिले में आए हुए थे । बताया गया कि बच्चे का हाथ टूटा था । जिस पर तीमारदारों ने कहा कि एक्सरा कर दो ।तो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि अब रात हो गई है ।इस कारण एक्सरा नहीं हो पाएगा । एक्सरा अस्पताल के टाइम यानि कि दिन के4:00 बजे तक ही हो सकता है ।जिस पर बच्चे के तीमारदार बौखला गए । और उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अभद्रता व मारपीट कर दी । जिसमें एक स्वास्थ्य कर्मचारी यश कुमार को चोटें भी आई हैं ।घटना की लिखित तहरीर घायल कर्मचारी यश कुमार द्वारा पुलिस को सौंपी गई है । सूचना पर पहुंची कस्बा पुलिस द्वारा दो आरोपियों को हिरासत में भी ले लिया गया है ।इसके साथ ही पुलिस जांच पड़ताल कर वैधानिक कार्यवाही करने की बात कह रही है।
उधर पीड़ित बच्चे के साथ आए तीमारदार बाबूलाल का कहना है कि जब स्वास्थ्य कर्मियों से बच्चे के उपचार के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि यहां रात में कुछ नहीं होगा। इलाज कराना है तो लोहिया अस्पताल चले जाओ या फिर कहीं दूसरी जगह जाकर दिखा लो। इस पर मैंने उनसे कहा कि यहां अस्पताल में तो 24 घंटे सरकार सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की बात कह रही है। तो फिर आप क्यों टाल रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य कर्मी ने मेरे साथ गाली गलौज तथा अभद्रता करते हुए कहा की योगी के पास, मतलब प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास जाकर कहकर इलाज करा लो। तो मैंने कहा कि मुझे योगी जी नहीं मिलेंगे। यह काम तो आपका ही है। इसलिए आप ही करें। इसी बात को लेकर स्वास्थ्य कर्मी आ गए और मारपीट करने लगे । साथ ही पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने आकर हम दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि हमारी कोई गलती नहीं है। इन्होंने ही मुझे तथा मेरे एक साथी को मारा-पीटा जिससे घबराकर हाथ टूटे हुए बच्चे को उनके साथ आया एक आदमी अस्पताल से लेकर भागने को मजबूर हुआ है। अब देखना यह है कि कौन सही कह रहा है। यदि मामले की निष्पक्ष जांच हो तो किसकी गलती है। इसका पता लग सकता है। साथ ही यह भी ज्ञात हो जाएगा कि इस सरकारी अस्पताल में आम आदमी को किस तरह सुविधाएं मिल रही हैं । क्या यह सुविधाएं जनसेवा की भावना से शासन की नीति के अनुसार दी जा रही हैं, अथवा मनमानी हो रही है। इसके लिए तो सही और पारदर्शी तथा निष्पक्ष जांच होने तक इंतजार ही करना होगा।
संवाददाता अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट