कायमगंज , फर्रुखाबाद,आरोही टुडे न्यूज़
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अब सफेद हाथी साबित हो रहा है। आए दिन यहां के डॉक्टर एवं कर्मचारियों को किसी ना किसी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही मामला बीते दिवस शाम होने के बाद देखने को मिला ।जब रात के अंधेरे में इमरजेंसी में मोबाइल की रोशनी दिखा कर चिकित्सक मरीजों का इलाज करते नजर आए। बताया गया कि बीते दिवस से ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाइन पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी। जिसकी वजह से बिजली ना आने के कारण डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट मोबाइल की रोशनी में बैठकर मरीजों को देखते नजर आए। इसके अलावा फार्मासिस्ट की भारी कमी के चलते दो ही फार्मासिस्ट लगातार 24 घंटे की ड्यूटी करते देखे जा रहे हैं। वही कायमगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फिलवक्त एक ही डॉक्टर के हवाले चल रहा है। यहां डॉ विपिन सिंह को भी 24 से 48 घंटे तक लगातार ड्यूटी करना पड़ रही है। जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया गया है कि चिकित्सा अधीक्षक के अलावा डॉ विपिन सिंह ही सरकारी डॉक्टर है। इसके बाद डॉक्टर नदीम इकबाल तथा एक और चिकित्सक संविदा पर हैं। जो अपनी निर्धारित ड्यूटी के समय ही मरीजों को देखते हैं। इसके बाद वह घर चले जाते हैं। कहीं ऐसा ना हो क्षमता से अधिक काम के दबाव और लगातार जागने से जिसे 24 से 48 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ रही है । वह डॉक्टर और फार्मासिस्ट मानसिक रोगी होने की स्थिति में तो नहीं पहुंच जाएंगे या फिर इस तरह का कोई असर होने लगा हो। जिसके चलते किसी ना किसी मरीज के साथ उलझन देखने को मिलती है। तमाम खामियों के बाद भी ना तो किसी प्रशासनिक अधिकारी और ना ही शासन में बैठे स्वास्थ्य मंत्री का इस ओर ध्यान है। बताते चलें कायमगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुरुआत से ही लगभग 700 से 800 ओपीडी के अलावा इमरजेंसी में भी रोज के लगभग 20 से 25 मरीज यहां आकर भर्ती होते हैं। स्टाफ की कमी के चलते तमाम दिक्कतों का सामना यहां आने वाले मरीजों को करना पड़ता है। बारहाल नाम न छापने की शर्त पर अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया की बीते दिवस से बिजली की व्यवस्था अस्पताल में पूरी तरह चौपट हो गई थी। आज दिन के लगभग 11:20 पर बिजली आई तब कहीं जाकर राहत की सांस ली गई। जैसी परिस्थिति में अब क्या कहा जा सकता है। सिवाय इसके कि अव्यवस्थाओं तथा उपेक्षा का दंश झेल रहा यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्या वास्तव में सफेद हाथी साबित हो रहा है अथवा नहीं? इस पर आप भी विचार कर सकते हैं।
संवाददाता अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट