टीबी रोगियों की देखभाल में मददगार बने- डॉ ऋषि व विनय

 

फर्रुखाबाद ,आरोही टुडे न्यूज़

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सामाजिक संस्थाएं, विभिन्न संगठन और व्यक्तिगत तौर पर लोग टीबी ग्रसित मरीजों की मदद को आगे आकर स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर काम करने को तैयार हैं। इसी के तहत पिछले साल सितंबर में निक्षय मित्र की मुहिम शुरू हुई थी, जिसका जनपद में सकारात्मक परिणाम दिख रहा है। जनपद में वर्तमान में 65 निक्षय मित्र क्षय रोगियों के उपचार और पोषण में सहयोग कर रहे हैं। इन निक्षय मित्रों ने जनवरी 2022 से अब तक करीब 927 वयस्क टीबी मरीजों को गोद लिया है।

चिकित्सा अधिकारी डॉ ऋषि नाथ गुप्ता और ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक विनय मिश्र ऐसे ही दो सक्रिय निक्षय मित्र हैं जो अब तक 50 से ज्यादा क्षय रोगियों को गोद ले चुके हैंl डॉ ऋषि सिविल अस्पताल लिंजीगंज में संविदा पर मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। उनका कहना है – हम सभी का फर्ज बनता है इस बीमारी से निपटने में क्षय रोगियों की मदद करेंl जब एसटीएस शफीक अहमद खान ने मुझसे क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए कहा तो मैं तैयार हो गयाl सबसे पहले मैंने 8 क्षय रोगी गोद लिए और इसके बाद अभी तक पांच बार में लगभग 41 क्षय रोगियों को गोद ले चुका हूँ।

सीएचसी कायमगंज में ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक के पद पर तैनात विनय मिश्र कहते हैं क्षय रोग जैसी महामारी को बिना जनभागीदारी के समाप्त नहीं किया जा सकताl साथ ही सभी से अपील करते हुए कहा कि आप लोग भी क्षय रोगियों को गोद लें जिससे उनको उचित पोषण मिले और जल्द स्वस्थ हों l विनय ने बताया – अब तक मैं 25 क्षय रोगियों को गोद ले चुका हूं l साथ ही फोन द्वारा उनके हाल लेता रहता हूं साथ ही मुझसे जो हो सकता है वह उनको पोषण के रूप में प्रदान करता हूं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने कहा कि अगर सामाजिक संस्थान के साथ ही आम लोग भी क्षय रोगियों को गोद ले लें तो इनको दवा के साथ ही उचित पोषण भी मिलेगा जिससे यह लोग जल्द स्वस्थ होकर सामान्य जीवन बिता सकते हैं l जिला कार्यक्रम समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि इस समय जिले में 2208 क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है साथ ही 65 निक्षय मित्रों द्वारा अब तक 927 रोगी गोद लिऐ जा चुके हैं ।

सरकारी इलाज के साथ अतिरिक्त सहयोग से लाभार्थी संतुष्ट-

असगर रोड की रहने वाली 19 वर्षीय रिजवाना (काल्पनिक नाम) के भाई रानू ने बताया कि मेरी बहन को बोन टीबी है उसका इलाज चलते हुए लगभग चार माह हो चुके हैं अभी उसको आराम है अभी 24 मार्च को डॉ ऋषि ने ताकत के सीरप, फल, मेवा व अन्य चीजें भी दी साथ ही बताया कि वे रिजवाना का हाल चाल भी लेते रहते हैं।

कायमगंज के मोहल्ला पृथ्वी दरवाजा के रहने वाले अंकित ने बताया – मेरी बहन सोनी (काल्पनिक नाम) उम्र 17 वर्ष को लगभग तीन महीने से टीबी है, उसका इस समय वजन 30 किलो हैl मेरे पिता जी प्राइवेट स्कूल में नौकरी करते हैंl हम लोग सोनी को उचित पोषण नहीं दे पा रहे हैं तो ऐसे में 24 मार्च को अस्पताल में पोषण पोटली दी गई जिससे कुछ राहत मिली साथ ही अस्पताल से फोन द्वारा हाल भी लिया जाता हैl इससे पहले मेरी बहन का इलाज निजी अस्पताल में हो रहा था जिससे उसे कोई आराम नहीं मिलाl अब सरकारी अस्पताल से दवा के साथ-साथ अन्य सहयोग भी मिल रहा है।

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