उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गरीबों के लिए चलाई जा रही फ्री राशन योजना (Free Ration Yojana) को बंद किए जाने के बाद एक और बड़ा फैसला लिया है. अब सरकार की तरफ से गरीब बेटियों की शादी के लिए मिलने वाले 20 हजार रुपये का अनुदान बंद कर दिया है. इस योजना को बंद करने के लिए शासन स्तर से संस्तुति मिल गई है. इसे समाज कल्याण विभाग के पोर्टल से भी हटाने की तैयारी है. हालांकि सरकार की सामूहिक विवाह योजना अभी जारी रहेगी. इस योजना के तहत शादी करने वाले जोड़े को सरकार की तरफ से 51 हजार रुपये दिये जाते हैं.
अनुदान की व्यवस्था को वेबसाइट से हटाने का निर्देश
विशेष सचिव रजनीश चन्द्र की तरफ से समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार को भेजे गए पत्र में योजना को बंद करने को लेकर आदेश दिया गया था. इस पत्र में उन्होंने अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग की गरीब बेटियों की शादी के लिए मिलने वाली अनुदान की व्यवस्था को वेबसाइट से हटाने का निर्देश दिया था. इसके बाद समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के टेक्निकल डायरेक्टर को 18 अगस्त को इसे वेबसाइट से हटाने के लिए कहा.
26 अगस्त को किया गया अंतिम आवेदन
ऐसे में उम्मीद है कि सरकार की इस योजना का जल्द पोर्टल के जरिये आवेदन बंद हो जाएगा. आपको बता दें इस योजना के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में अंतिम आवेदन 26 अगस्त को किया गया है. मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक कुल 776 आवेदन इसके जरिये किए गए हैं. इससे पहले सरकार की तरफ से बंद की गई फ्री राशन योजना से भी 15 करोड़ लोगों को झटका लगा था. राज्य के सभी जिला पूर्ति अधिकरी ने इसके लिए एक प्रेस रिलीज भी जारी कर दी है.
3 रुपये प्रति किलो मिलेगा चावल
यूपी सरकार की तरफ से मुफ्त राशन योजना बंद किए जाने के बाद कार्ड धारकों को गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलो और चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान करना होगा. इस योजना को जुलाई से लागू किए जाने का प्रावधान है. लेकिन यूपी में राशन वितरण दो महीने देरी से चल रहा है. ऐसे में राशन कार्ड धारकों को सितंबर से राशन लेने के बदले भुगतान करना होगा.
15 करोड़ लोगों पर असर पड़ेगा
आपको बता दें यूपी सरकार की तरफ से नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत आने वाले राशनकार्ड धारकों के लिए यह योजना शुरू की गई थी. योगी सरकार ने कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार के अलावा गरीबों को मुफ्त राशन देना शुरू किया था. पहले सरकार ने इसे मार्च 2022 तक बढ़ाया था. मार्च में सत्ता में वापसी पर योजना को फिर से तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. यूपी में फिलहाल 3.59 करोड़ राशन कार्ड धारक हैं, इससे 15 करोड़ लोगों पर असर पड़ेगा.