राजेपुर, फर्रुखाबाद, आरोही टुडे न्यूज़
अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट
पत्रकार को न्याय की दरकार है पूरा हाल समाज और शासन प्रशासन के दिन कड़ी के रूप में काम करने वाले पत्रकार पर पुरानी रंजिश के चलते न केवल हमला किया गया। बल्कि गोली मारकर घायल कर दिया गया। जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे पत्रकार अब पुलिस बयान बदलने के लिए दबाव बना रही है। जबकि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार निर्देश दे चुके हैं।कि पत्रकार के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। इसके बाद भी यहां पीड़ित पत्रकार न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाता घूम रहा है।
अमृतपुर तहसील राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव कड़क्का के रहने वाले शैलेंद्र बाबू द्विवेदी उर्फ शिवा पुत्र नागेंद्र बाबू द्विवेदी पेशे से पत्रकार हैं ।रात मेहनत कर समाज और शासन तक प्रशासन के बीच कड़ी का काम करते हैं।बीती रात 27 नवंबर को रात लगभग 9:30 बजे को अपना काम निपटाने के बाद घर जा रहे थे।गांव के निकट ही बंदा मार्ग पर हमले से घात लगाए बैठे रामप्रकाश पुत्र चेतराम उनका पुत्र सोनू निवासी गण अलीगढ़ अपने अज्ञात साथियों के साथ मिल गए। इन लोगों ने शिवा को घेर लिया ।और उनके साथ मारपीट करते हुए फायरिंग शुरू कर दिया। जिससे एक गोली शिवा के लग गई ।और वह अचेत होकर मौके पर गिर गए। उन्हें मरा समझकर आरोपी मौके से फरार हो गए।उनकी पत्नी ने थाने में रिपोर्ट आरोपियों के खिलाफ दर्ज कराई थी। शिवा की सरकारी अस्पताल के अलावा प्राइवेट इलाज चलता रहा।पुलिस उन पर आरोपियों के पक्ष में बयान बदलने के लिए दबाव बना रही है। राम प्रकाश का खास आपराधिक इतिहास है।इसलिए पुलिस की आख्या पर 3 दिसंबर 2014 को तत्कालीन जिलाधिकारी एनकेएस चौहान ने लाइसेंसी बंदूक को निरस्त करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।आरोपियों विरुद्ध कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस अब आरोपियों की संरक्षण दाता बनी हुई है। जिसकी वजह से पीड़ित न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाता घूम रहा है। जिससे साफ जाहिर है कि मुख्यमंत्री का आदेश बेअसर है।