Makar Sankranti 2023: भारतीय रीति-रिवाजों के मुताबिक हिंदू धर्म में जहां त्योहार पर काला रंग अशुभ माना जाता है, वहीं मकर संक्रांति पर काले रंग के कपड़े क्यों पहने जाते हैं साथ ही इस मौके पर परिवार और रिश्तेदार मिलते हैं और उत्साह के साथ मिलकर पतंगबाजी भी करते हैं लेकिन क्या अपने कभी सोचा है की मकर संक्रांति पर काले कपडे क्यों पहने जाते है और पतंग क्यों उदय जाते है, आइये जाने इसके पीछे की रहस्यमयी बातें-
मकर संक्रांति पर महाराष्ट्र में काले वस्त्र-
मकर संक्रांति पर काले रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है, वैसे यह परंपरा पूरे भारत में नहीं है, मकर संक्रांति मनाने वाले लोग केवल महाराष्ट्र राज्य में काले कपड़े पहनते हैं, देश के अन्य शहरों में रंग-बिरंगे कपड़े और ज्यादातर पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं।
संक्रान्ति पर काले वस्त्र धारण करने का कारण-
मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तर दिशा में प्रवेश करता है, इसलिए माना जाता है कि इस दिन से शीत ऋतु समाप्त होती है और शरद ऋतु की शुरुआत होती है, यह मौसम के सबसे ठंडे दिनों से पहले है, ऐसे में विज्ञान के अनुसार काले कपड़े सर्दी से बचाव में उपयोगी माने जाते हैं, इसलिए मकर संक्रांति पर लोग गहरे रंग के कपड़े पहनते हैं।
क्यों उड़ाई जाती है मकरसंक्रांति में पतंग?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पतंगबाजी की परंपरा भगवान श्रीराम ने की थी, पुराणों में उल्लेख मिलता है कि मकर संक्रांति पर भगवान राम ने पहली बार पतंग उड़ाई थी और यह पतंग स्वर्ग में इंद्र के पास गई थी, तमिल के टंडनारामायण में भी इसका उल्लेख मिलता है, भगवान ने इस पतंग पर संदेश लिखकर इंद्रदेव को दे दिया,
मान्यता है कि संक्रान्ति के दिन यदि आप अपनी मनोकामना लिखकर उसे उड़ाते हैं तो वह भगवान के पास पहुंच जाती है और आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है।