अखिल भारतीय कला साधक संगम बेंगलुरु कर्नाटक-
1 से 4 फरवरी तक आयोजित होने वाले अखिल भारतीय कला साधक संगम में संपूर्ण भारत की कलाओं का समागम श्री श्री रविशंकर आश्रम बेंगलुरु में हुआ। कला साधक संगम में परम पूजनीय सरसंघ चालक डॉक्टर मोहन भागवत , श्री श्री रविशंकर , नितीश भारद्वाज , अयोध्या में प्रभु श्री राम की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज , मालिनी अवस्थी सहित संपूर्ण देश के कला मनीषियों का पाथेय प्राप्त हुआ।
कला साधक संगम से बापस आये संस्कार भारती कानपुर बुन्देलखण्ड प्रान्त के प्रान्तीय महामंत्री सुरेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि कानपुर-बुंदेलखंड प्रांत के लिए बहुत ही गौरव की बात है कि कला साधक संगम के द्वितीय दिवस का कार्यक्रम प्रांतीय अध्यक्ष विनोद द्विवेदी के ध्रुपद गायन से प्रारंभ हुआ। चित्रकला विधा में झाँसी की कामिनी बघेल व किशन सोनी की पेंटिंग की सभी ने सराहना की। चतुर्थ दिवस समापन के अवसर पर आयोजित समरसता शोभायात्रा में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, माता जानकी, निषादराज एवं केवट की झांकी की सभी ने प्रशंसा की। प्रान्त की ओर से कुल 26 कला साधकों ने प्रतिभाग किया। निश्चय ही प्रांत की सहभागिता अखिल भारतीय कार्यक्रम में होना अपने में गौरव की बात है। राम के स्वरूप में साजन शंकर जौहरी, लक्ष्मण के स्वरूप में आयुष द्विवेदी, सीता के स्वरूप में आकांक्षा सक्सेना, निषाद राज के स्वरूप में अनुराग अग्रवाल, केवट के स्वरूप में श्याम कुमार मिश्रा ने प्रतिभाग किया।
प्रदान किया गया भरतमुनि स्मृति सम्मान-
संस्कार भारती ने इस वर्ष भरतमुनि स्मृति सम्मान दृश्यकला में मुंम्बई के विजय दशरथ आचरेकर को एवं लोककला में गणपत सखाराम मसगे को सरसंघ चालक मोहन भागवत जी की द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम में साहित्य, संगीत, चित्रकला, नाट्य, लोककला, भू अलंकरण, लोक कला, प्राचीन कला सहित सभी विधाओं की प्रस्तुतियां हुई।वार्ता के दौरान ऋषि दत्त शर्मा गुड्डू पंडित, नवीन मिश्र नब्बू, समरेन्द्र शुक्ल, अरविन्द दीक्षित आदि उपस्थित रहे।
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